कोटा में इस साल अब तक 22कोचिंग छात्रों के सुसाइड करने के मामले सामने आ चुके हैं। छात्रों के सुसाइड को रोकने और उनको तनाव मुक्त रखने के लिए लगातार सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे है। लेकिन कोचिंग में छात्रों की आत्महत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। छात्रों के सुसाइड के बढ़ते मामलों पर सोमवार को राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डॉ महेश जोशी ने कहा कि देश में कोचिंग सिस्टम बैन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर एक पॉलिसी लानी चाहिए जिससे कि इस देश में कोचिंग सिस्टम बैन हो।
मृतक छात्रो के अकड़े
आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या देखि जाए तो 11 दिनों में 4, पिछले आठ महीने में 22, पिछले एक साल में 29 और पिछले दस सालों में 160 से ऊपर के आंकड़े प्राप्त हुए है। जो कोटा शहर के हैं, जो बचपन को मुंहमांगी कीमत और अपनी शर्तों पर डॉक्टर और इंजीनियर बनाने का ख्वाब देख के अपने शहर से दूसरे शहर पढ़ने जाते है।
माता-पिता का दबाव या पढा़ई का दबाव। आखिर क्या वजह है जो आज के समय में छात्रों के अत्महत्या की संख्या में बढोती हो रही है। क्या छात्रों की आत्महत्या करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण उनकी पढ़ाई को लेकर है। या फिर इसके पीछे बच्चो के माता-पिता के द्वारा उन पर पढा़ई को लेकर दबाव किया जाता है। जिसकी वजह से बच्चे यह कदम उठा रहे है।
पंखे नहीं कोचिंग सिस्टम बदलिए
DCW चीफ स्वाति मालीवाल ने सोमवार को अपने एक ट्वीट में लिखा कि राजस्थान के कोटा में कल 2NEET छात्रों ने आत्महत्या कर ली। इस साल अब तक कुल 22 बच्चे अपनी जिंदगी खो चुके है। बीते दिनों हमने देखा था,कि आत्महत्या रोकने के लिए PG के पंखे बदलवाए जा रहे थे। ये हमारी शिक्षा व्यवस्था का हाल है। यहाँ पंखे नहीं शिक्षा सिस्टम नीति को बदलने की जरूर है। और साथ ही बच्चों की मेंटल हेल्थ पर काम करना भी जरूरी है। ताकि अब और बच्चे ऐसा कदम नहीं उठाए।
सरकार ने बरती अब यह सख्ती
पर रोक कोटा में छात्रों के बढ़ते आत्महत्या के मामलों को देखते हुए दो महीने के लिए परीक्षाओं पर रोख लगा दी हा है । अब सरकार ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए कोचिंग संस्थाओं की परीक्षाओं पर दो महीने के लिए रोक लगा दी। प्रशासन का कहना है कि छात्रों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोटा में संचालित सभी कोचिंग संस्थानों में समय-समय पर आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं पर अगले दो महीने के लिए तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई जाए ।