नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम ने आज मध्यप्रदेश के तीन जिलों में छापेमारी की है। इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, भोपाल और मध्यप्रदेश में अलग-अलग 30 ठिकानों पर NIA की टीम सर्चिंग कर रही है। इसमें भोपाल के खानूगांव से एक युवक को हिरासत में लिया गया है। जिसके खालिस्तानी संगठन से जुड़े होने का इनपुट NIA को मिला था। साथ ही खंडवा और बड़वानी में भी कार्रवाई जारी है।
छापेमारी के लिए NIA की टीम सुबह करीब 5-6 बजे ही अलग-अलग राज्यों की पुलिस के साथ संदिग्धों के ठिकानों पर पहुंच गई । मध्यप्रदेश के भोपाल और पंजाब के फरीदकोट में टीम ने दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ करना भी शुरू कर दिय है। NIA को शक है कि, यह बदमाश विदेश में बैठे गैंगस्टर्स के साथ मिले हुए है।
गैंगस्टर गोल्डी से मिले लिंक के आधार पर फरीदकोट में रेड
पंजाब के फरीदकोट के कोटकपूरा में नरेश कुमार उर्फ गोल्डी के घर पर NIA की टीम पहुंची। NIA ने गैंगस्टर गोल्डी के रिश्तेदार से मिले डॉक्यूमेंट्स के आधार पर रेड की है। इसके अलावा मोगा के बिलासपुर गांव में भी टीम नौजवान रविंदर सिंह से पूछताछ कर रही है।
राजस्थान के 4 जिलों में रेड
राजस्थान के 4 जिलों के 10 ठिकानों पर NIA टीम की पूछताछ जारी है। हरियाणा में एक बिजनेसमैन के मर्डर के बाद आरोपियों से हुई पूछताछ के आधार पर जोधपुर, चूरू, झुंझुनूं और बीकानेर में NIA की टीम पहुंची है। एजेंसी को इनपुट मिला है कि, इन जिलों में लॉरेंस गैंग के बदमाशों ने अपने ठिकाने बना रखे है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के जुड़े होने की भी आशंका
हरियाणा के रोहतक में एक व्यापारी की हत्या के तीन दिन बाद बाल अपचारी गिरफ्तार किए गए थे। उनसे की गई पूछताछ में मिली सूचना के आधार पर NIA ने चारों राज्यों में एक साथ छापेमारी की है। इसमें गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के जुड़े होने की भी आशंका है।
2022 में लॉरेंस पर लगा था UAPA एक्ट
NIA ने अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ UAPA के तहत मामला दर्ज किया था। एजेंसी की जांच से पता चला था कि, गिरोह ने देश के कई राज्यों में अपने माफिया शैली के आपराधिक नेटवर्क फैलाए थे। ये नेटवर्क कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल थे। जैसे पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला, प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या के अलावा, व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरदस्ती पैसे वसूल करना था।
क्या है UAPA एक्ट
UAPA कानून देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए 1967 में बनाया गया था। तब से लेकर अब तक इसमें चार बार संशोधन किए जा चुके है। 2004, 2008, 2012 और 2019 में इस कानून में बदलाव किए गए थे। इसके तहत ऐसे किसी भी व्यक्ति या संगठन, जो देश के खिलाफ या फिर भारत की अखंडता और संप्रभुता को भंग करने का प्रयास करे उस पर कार्रवाई की जाती है। इसमें आरोपी को 7 साल की सजा हो सकती है। इस कानून के तहत कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।