महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के रायगढ़ में भूस्खलन होने से एक बड़ा हादसा हुआ है। इस हादसे में कई घर पत्थर और मिट्टी के नीचे दब गए है, और लोग भी दब गए है। इस हादसे में अब तक 96 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है जबकि 10 लोगों की मौत हुई है, 21 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए है। मलबे में अभी भी कई और लोगों के फंसे होने की आशंका है। घटनास्थल पर एनडीआरएफ की टीम ने राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
हादसा बुधवार देर रात 12 बजे हुआ है। इलाके में बीते कुछ समय से तेज बारिश हो रही है। एनडीआरएफ की टीम को इलाके में हो रही तेज बारिश की वजह से राहत और बचाव कार्य चलाने में भी दिक्कत हो रही है।
गांव में 50-60 घरों में से केवल 10 बचे
एक युवक ने बताया की हमें रात करीब 12 बजे हादसे के बारे में पता चला। इसके बाद हम पैदल ही निकल पड़े। जब हम इरशालवाड़ी की ओर जा रहे थे तो फायर ब्रिगेड के जवान भी हमारे साथ थे। चढ़ाई के दौरान बेलापुर के फायर ब्रिगेड अधिकारी अचानक से गिर पड़े। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। जब हम ऊपर पहुंचे तो सब कुछ नष्ट हो चुका था। इरशालवाड़ी में 50 से 60 घर हैं। केवल 10 घर खड़े थे और बाकी सभी घर जमींदोज हो गए।
10 फीट के मलबे में दबे मकान
इरशालवाड़ी के पांच बच्चे मंदिर में बैठे थे। वह अपने मोबाइल फोन पर गेम खेल रहे थे। उसी समय हादसा हो गया। बच्चों ने ही हादसे की जानकारी दी। रात को भारी बारिश हो रही थी। कीचड़ हो गया था। इससे राहत कार्य में कई बाधाएं आईं। गाव तक पहुंचने के लिए एक पगडंडी है। कोई पक्की सड़क नहीं है। इसलिए यहां बड़ी मशीनें और गाड़ियां लाना बहुत मुश्किल है। मकान 10 फीट मलबे के नीचे दबे हुए हैं। इस ढेर को आसानी से नहीं उठाया जा सकता है।