क्रिकेट के खेल में अंपायरिंग एक बेहद कठीन और मह्त्वपूर्ण काम है।खासकर जब आप विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट मे बड़ी टीमों और बड़े सितारों के लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले दे रहे हों तो ये और भी ज्यादा क्रूसियल जॉब हो जाती है। सोशल मीडिया के युग में एक छोटी सी गलती सभी प्लेटफार्मों पर भारी आलोचना का कारण बनती है। विश्व क्रिकेट में कयी महान अंपायर है जैसे बिली बॉडेन हो, कैटलब्रो, इलिंगवर्थ लेकिन भारत से कोई कभी इतना बड़ा नाम नही निकला लेकिन कुछ समय पहले इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान मेनन के कुछ नतीजों ने तो तूफान मचा दिया था तभी से नितिन मेनन का नाम जाना जाने लगा। जून 2020 में आईसीसी एलीट पेनल में शामिल किये गए मेनन कोरोना महामारी के कारण विदेशियों की यात्रा पर प्रतिबंध के चलते भारत के अधिकांश घरेलू मैचों में अंपायरिंग करते नजर आये ।लेकिन अब जल्द ही नितिन मौजूदा एशेज सीरीज में अंपायरिंग करते नजर आएंगे। ऐसे में उन्होंने बड़ा बयान देते हुए भारतीय खिलाड़ियों पर निशाना साधा है। मेनन का कहना है कि टीम इंडिया के कुछ बड़े खिलाड़ी हमेशा दबाव बनाने की कोशिश करते हैं, वे हमेशा उन 50-50 फैसलों को अपने पक्ष में लेने की कोशिश करते हैं लेकिन अगर हम दबाव में नियंत्रण में हैं, तो हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि वे क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे उन्हें काफी आत्म विश्वास मिला है।
मेनन का इशारा कोहली की तरफ था?
नितिन के इस बयान के बाद टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। पिछले मार्च में भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के दौरान कोहली द्वारा मेनन पर टिप्पणी की गई थी. दरअसल, जब ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव स्मिथ को मेनन ने नॉट आउट करार दिया था, तब फील्डिंग कर रहे विराट अंपायर के करीब आए और उन्होंने कहा कि अगर मैं होता तो आप मुझे आउट कर देते। इसके अलावा भी कयी बार कोहली मेनन पर कमेन्ट करते देखे जा चुके है।
दवाब ने परिपक्व बनाया – मेनन
एशेज सीरीज के आखिरी तीन टेस्ट मैचों के दौरान मेनन फील्ड पर नजर आ सकते हैं। उन्होंने इससे पहले बड़ा बयान देते हुए कहा है कि घर पर अंपायरिंग करने से उन्हें खिलाड़ियों द्वारा बनाए गए दबाव को संभालने में मदद मिली है, उन बड़े खिलाड़ियों द्वारा बनाए गए दवाब की वजह से मानसिक रूप से वे और परिपक्व हुये हैं।