केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 नवंबर को लगभग 80 करोड़ गरीब लोगों को प्रति माह 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए कोविड के दौरान शुरू की गई पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को 1 जनवरी, 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए विस्तार को मंजूरी दे दी। इसे पिछली बार 31 दिसंबर, 2023 तक बढ़ाया गया था।
28 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 29 नवंबर को विवरण देते हुए कहा कि पीएमजीकेएवाई को 1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है। मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों के दौरान योजना पर खर्च लगभग 11.8 लाख करोड़ रुपये होगा। पीएमजीकेएवाई को 2020 में एक महामारी राहत उपाय के रूप में पेश किया गया था, जिसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 5 किलोग्राम सब्सिडी वाले खाद्यान्न के अलावा प्रति लाभार्थी प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया गया था। अनुराग ठाकुर ने बताया – “पिछले 5 सालों में करीब 13.50 करोड़ भारतीय गरीबी के स्तर से ऊपर आए हैं। ये मोदी सरकार की एक बड़ी कामयाबी है। इसी तरह कोविड-19 महामारी के दौरान, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की गई। अब ये फैसला किया गया है कि इस योजना को 1 जनवरी 2024 से अगले 5 सालों के लिए बढ़ा दिया जाएगा।”
क्या है प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) प्रवासियों और गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति करने के लिए आत्मनिर्भर भारत के हिस्से के रूप में एक योजना है।
इस योजना का चरण- । और चरण ।। क्रमशः अप्रैल से जून, 2020 और जुलाई से नवंबर, 2020 तक चालू था। योजना का चरण ।।। मई से जून, 2021 तक चालू था। योजना का चरण-IV जुलाई-नवंबर, 2021 के दौरान और चरण V दिसंबर 2021 से मार्च, 2022 तक चालू था।
इस योजना के तहत केंद्र गरीबों को प्रति माह 5 किलो मुफ्त अनाज उपलब्ध कराता है। एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना की जांच करें जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के तहत कवर किए गए सभी पात्र राशन कार्डधारकों या लाभार्थियों को भारत में कहीं से भी अपने अधिकारों तक पहुंचने का विकल्प प्रदान करती है।
कैबिनेट की बैठक में 16वें वित्त आयोग पर भी फैसला लिया गया
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर बताया कि कैबिनेट की बैठक में 16वें वित्त आयोग पर भी फैसला लिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 वें वित्त आयोग के विचारार्थ विषयों पर अपनी मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा-“हर 5 साल में एक वित्त आयोग बनाया जाता है। फिलहाल 15वां वित्त आयोग काम कर रहा है।सामान्य तौर पर वित्त आयोग अपनी सिफारिश देने में 2 साल का समय लगता है। इसके चलते ये जरूरी है कि 16वां वित्त आयोग बनाया जाए। ये अक्टूबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। केंद्र इस रिपोर्ट पर फैसला लेगा और ये 1 अप्रैल 2026 से 31 मार्च 2031 तक लागू रहेगा।”
ये घोषणा सिर्फ चुनावी मौका परस्ती है या इसमे सच मे जनता का हित है। ये आने वाला समय ही बतायेगा।