नागपुर के एक सरकारी अस्पताल में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक डॉक्टर को चाय नहीं मिली तो इस कदर नाराज हो गया कि उसने सर्जरी बीच में ही छोड़ दी और ऑपरेशन थिएटर से निकल गया। इस बीच एनेस्थीसिया लगवाकर चार महिलाएं बेहोश पड़ी रहीं। आनन-फानन में दूसरे अस्पताल से डॉक्टर को बुलाना पड़ा। तब जाकर सर्जरी हो पाई।
पूरा मामला क्या है?
सरकारी अस्पताल में परिवार नियोजन सर्जरी के लिए बेहोश करने के बाद चार महिलाओं की सर्जरी को लेकर बड़ा हंगामा हुआ। यह बात सामने आई है कि चाय बिस्कुट नहीं मिलने पर डॉक्टर ने सर्जरी करने से मना कर दिया। डॉक्टरों की इस असंवेदनशीलता से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। जबकि ग्रामीण इलाकों में पहले से ही स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है।
कब की है घटना
दरअसल यह घटना 3 नवंबर को जिले के मौदा तालुका के खाट स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई। इस अस्पताल के डॉक्टर का नाम तेजराम भलावी है। खाट स्थित सेंटर में भलावी परिवार नियोजन के लिए आठ महिलाओं की सर्जरी करने जा रहे थे। उन्होंने इनमें से चार महिलाओं का ऑपरेशन किया। बाद में उसने चार अन्य महिलाओं को भी बेहोश कर करवा दिया और सर्जरी बीच में ही छोड़ दिया।
दूसरे डॉक्टर ने किया ऑपरेशन
उन महिलाओं की सर्जरी के लिए दूसरे डॉक्टर को बुलाना पड़ा, लेकिन समय पर चाय नहीं मिलने के कारण डा भलावी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से चले गए और वापस नहीं लौटे। इस पर संबंधित महिला के रिश्तेदारों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठजनों ने दूसरे डॉक्टर की व्यवस्था की।
क्या बोले डॉक्टर
इस पूरे घटनाक्रम पर डॉक्टर ने कहा कि, मुझे डायबिटीज हैं और समय पर चाय बिस्कुट चाहिए। इसके बिना मेरा ब्लड शुगर का लेवल गिर जाता है और हमारा ब्लडप्रेशर भी कम हो जाता है। इसलिए हमें वहां से एक कदम दूर जाना पड़ा।
जांच के आदेश
पीड़ित महिलाओं के परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जमकर हंगामा मचाया। कुछ देर के लिए तनावपूर्ण स्थिति हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय डावले ने जांच के मौखिक आदेश दिए हैं। इसके लिए तीन सदस्यों की कमेटी गठित की गई है और आदेश दिया गया है कि तीन दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपी जाए। गुरुवार को रिपोर्ट आने की उम्मीद है।