इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय कि नई Education Policy के First Year कि परीक्षाओं में 71 हजार छात्रों में से 26 हजार छात्रों कि supplementary आई है। BCOM, BA, BSC, BBA, BCA सहित 12 कोर्स के इन छात्रों के रिजल्ट में ओवरॉल यह आकड़ा सामने आया है। इसमें 26,300 में से कुल 13,160 छात्रों का यानि करीब 50 प्रतिशत छात्रों कि supplementary आई है, जबकि BCOM व BSC कर रहे छात्रों की संख्या 25 प्रतिशत के आसपास है। चौकाने वाली बात यह है की यह स्थिति तब है जब नई पॉलिसी के हिसाब से परीक्षाएं ली जारी है। इस पॉलिसी तहत पास होने और भी काफी आसान है। इसमें थ्योंरि के 70 अंक व इंटरनल यानि प्रेक्टिकल, वायवा-टेस्ट आदि के 30 अंक है। इन दोनों में से छात्रों को सिर्फ 35 अंक लाना है। हालांकि इसके अलावा छात्रों को अगले सेमेस्टर के लिए 9 विषयों में मिलाकर कुल 40 क्रेडिट स्कोर लाना है। जिसके बाद ही वह अगले सेमेस्टर में पहुंच सकेंगे।
परीक्षा नियंत्रक प्रो. अशेष तिवारी ने कहा
2021 में लागू हुई यह नई Education Policy को अब तक कई कॉलेज समझ नहीं पाए न ही छात्र समझ पाए। ऐसे में तकनीकी बिंदुओं को समझना छात्रों और कॉलेज दोनों के लिए जरूरी है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. अशेष तिवारी का कहना है की यह चौकने वाली बात है कि supplementary पाने वाले छात्रों की संख्या बढ़ गई है। पहले 15 प्रतिशत छात्रों को यूजी first year में supplementary आती थी। अब यह आकड़ा 25 से 50 प्रतिशत बढ़ गया है। BA में 50 प्रतिशत छात्रों कि supplementary आई है।
यहां गलती कर रहे है छात्र
Foundation group के चारों परचे अब ओएमआर शीट पर हो रहे है। छात्र इसमें गलती कर रहे है। इसमें एक नया विषय हर साल जुड़ता है। आपको बता दे की पहले वर्ष में 3 विषय होते थे अब 4 है। इनमें पहले वर्ष में योगा, दूसरे में women empowerment तीसरे में personality development जुड़ा है। छात्र इसी विषय में ज्यादा फेल हो रहे है।
Vocational विषय पूरी तरह नया है। छात्र एक ऐसा विकल्प चुनने में चूक कर रहे है। 15 प्रतिशत से ज्यादा छात्रों को वैकल्पिक विषयों में भी supplementary आई है। इसका कारण यह है की, या तो छात्र अपनी रुचि के हिसाब से अपना विषय नहीं चुन पा रहे है या कॉलेज उनकी रुचि के हिसाब से विषय नहीं उपलब्ध करवा पा रहा है।