जगन्नाथ मंदिर सिर्फ ओडिशा ही नहीं बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध मंदिर है।यहाँ देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग इस मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ का यह मंदिर 12वीं सदी पुराना मंदिर है जहां अब मंदिर में जाने के लिए 1 जनवरी से ‘ड्रेस कोड’ लागू किया जाएगा। मंदिर प्रबंधन ने सोमवार (9अक्टूबर) को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अगले साल 1 जनवरी से ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। मंदिर में रिप्ड जींस, मिनी स्कर्ट और ऐसे अन्य छोटे कपड़ो को पहनने पर रोक लगी गई है।इससे पहले भी कई मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया जा चुका है,जहां छोटेकपड़े, मिनी स्कर्ट,हाफ पैंट और रिप्ड जींस पहनने पर रोख है। कहा जा रहा है कि मंदिर में कुछ श्रद्धालुओं को ‘अभद्र कपड़े’ पहने हुए देखने के बाद मंदिर प्रशासन ने यह फैसला लिया है, जिसे अगले साल 1 जनवरी 2024 से लागू भी कर दिया जाएगा। श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन के प्रमुख रंजन कुमार दास ने कहा मंदिर की गरिमा और पवित्रता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।
नियम का पालन नहीं करने वालों को सजा दे
इसके अलावा निजोग के सचिव रामकृष्ण दासमहापात्र ने कहा है कि बहुत सारे भक्त मंदिर में प्रवेश करते हैं और हाफ पैंट पहनकर भगवान जगन्नाथ के मंदिर पास पहुंच जाते हैं। इससे एक ड्रेस कोड अनिवार्य किया जाना चाहिए और इस नियम का पालन नहीं करने वालों को सजा दी जानी चाहिए।उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने दक्षिण भारत में देखा है,वहाँ महिला श्रद्धालु अत्यंत पवित्रता बनाए रखते हुए मंदिरों में जाती हैं। महिलाओं को साड़ी पहननी चाहिए और लड़कियां सलवार पहन सकती हैं,जो अश्लील नहीं लगेगा।
14 से15 साल तक के बच्चों के लिए छूट
मंदिर के द्वार’ पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों और मंदिर के अंदर सेवकों को ड्रेस कोड लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रंजन कुमार दास ने कहा कि मंदिर प्रशासन मंगलवार से श्रद्धालुओं को ‘ड्रेस कोड’ के लिए जागरूक करेगा। रंजन कुमार दास ने आगे कहा कि हाफ-पैंट, शॉर्ट्स, फटी जीन्स, स्कर्ट और बिना आस्तीन वाले कपड़े पहने लोगों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि बच्चों यानि 14 से15 साल तक के बच्चों को छूट दी जा सकती है, लेकिन बेहतर होगा कि हम अपने बच्चों को बचपन से ही ड्रेस कोड और मंदिर की पवित्रता के बारे में सिखाएं।