LGBTQ+ समुदाय और उनसे जुड़ा हर पहलू आज मुख्य धारा में चर्चा का विषय है। दो दशक पहले आज जैसी स्थिति की कल्पना करना मुश्किल था। लेकिन साल 2005 LGBTQ+ समुदाय के लिए एक वजह से ख़ास रहा था। उस साल बेंजामिन कोहेन नाम के व्यक्ती ने ‘PinkNews’ की स्थापना की थी। पहले इसे प्रिंट फॉर्मेट मे निकाला गया था, फिर अगले साल इसे आधिकारिक तौर पर 2006 में डिजिटली लॉन्च किया गया।
आज PinkNews, दुनिया के सबसे प्रमुख LGBTQ+ डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में से एक, 2005 में यूनाइटेड किंगडम में लॉन्च हुआ। इसका उद्देश्य LGBTQ समुदाय के अधिकारों, संघर्षों और उपलब्धियों को मुख्यधारा के मीडिया में जगह देने था।
PinkNews की शुरुआत ऐसे समय में हुई जब LGBTQ+ समुदाय को समाज में व्यापक भेदभाव का सामना करना पड़ रहा था। इस प्लेटफॉर्म का मकसद न केवल LGBTQ+ समुदाय से जुड़े मुद्दों पर रिपोर्टिंग करना था, बल्कि उनकी कहानियों और सफलता को मनाना भी था। यह मंच समावेशी पत्रकारिता का एक बेहतरीन उदाहरण बना, जहां लोगों की लैंगिक पहचान और यौन अभिरुचि को सम्मान के साथ प्रस्तुत किया गया।
PinkNews ने पालिटिक्स, इंटरटेनमेंट, हेल्थ और कल्चर से जुड़ी LGBTQ+ खबरों को प्राथमिकता देकर मुख्यधारा मीडिया को चुनौती दी। LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों पर खुलकर बात की, जैसे समान विवाह, ट्रांसजेंडर अधिकार और समलैंगिकता के प्रति भेदभाव। लोगों को उनकी आवाज़ और अनुभव साझा करने का अवसर भी देता रहा। कुल मिलाकर, PinkNews ने LGBTQ+ अधिकारों के लिए जागरूकता बढ़ाने और सामाजिक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई।
PinkNews ने एक क्रांति ला दी थी। PinkNews आज तक छह ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों के आर्टिकल पब्लिश कर चुका है जिसमें – जॉन मेजर, टोनी ब्लेयर, गॉर्डन ब्राउन, डेविड कैमरन, थेरेसा मे और बोरिस जॉनसन के नाम शामिल हैं।
इसके अलावा PinkNews ने यूनाइटेड किंगडम के अन्य राजनीतिक हस्तियों का भी इंटरव्यू लिया है, जिनमें निक क्लेग और जेरेमी कॉर्बिन भी शामिल हैं, जिन्होंने भी अखबार के लिए लिखा है। इतना ही नहीं जनवरी 2020 को, यूके की सांसद लैला मोरन ने PinkNews के साथ एक इंटरव्यू के दौरान ही ये खुलासा किया कि वह पैनसेक्सुअल हैं। एक सांसद द्वारा इतने बड़े खुलासे ने तमाम UK को हिला कर रख दिया था।
लेकिन दुर्भाग्यवश दुराचार के खिलाफ़ लड़ने वाली PinkNews ही अब सवालों के घेरे में है। इसके फाउंडर बेंजामिन कोहेन और उनके पति एंथनी जेम्स जो PinkNews के COO पर संगीन आरोप लगाये गये हैं। PinkNews में 2017 से 2024 के बीच काम करने वाले 30 से अधिक व्यक्तियों के इंटरव्यू के बाद वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों के उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न की संस्कृति का पर्दाफाश हुआ है। कई ऑफिसयल कंप्लेंट लेटर्स, प्राइवेट ई-मेल, व्हाट्सएप मैसेज, और मेडिकल रिकॉर्ड से भी इसकी पुष्टि होती है।
हालांकि, ये कोई पहला मामला भी नहीं है। कुछ साल पहले भी कुछ गुमनाम लोगों के एक ग्रुप ने PinkNews पर धमकाने और उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए कई ट्वीट किये थे। लेकिन वो बात ज्यादा चर्चा मे नहीं आ पाई और रफा-दफा कर दी गई।
हाल ही में इसी मामले से जुड़ी बातचीत में Pinknews के पांच कर्मचारियों ने लंदन के एक पब के बाहर हुई घटना का जिक्र किया। जब PinkNews के एक इवेंट के बाद कुछ वर्कर इकट्ठा हुए थे। आरोप है कि उस दौरान उन लोगों ने COO एंथनी जेम्स को एक जूनियर लेडी वर्कर को ‘गलत तरीके से’ छूते और चूमते देखा था। कर्मचारियों के मुताबिक वह इतने नशे में थी कि उसके लिए खड़े रहना भी मुश्किल था, इस कारण वह इसका विरोध नहीं कर सकी। इवेंट के बाद लोगों ने उस महिला को सुरक्षित घर तो पहुंचा दिया लेकिन किसी ने कहीं शिकायत नहीं की। एक वर्कर ने कहा,कि एंथनी “CEO के पति हैं। कोई क्या करेगा? उन्हें नौकरी खोने का डर था।”
इसी तरह कंपनी के एक अन्य पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया कि बेंजामिन कोहेन ने शराब के नशे में उनसे पूछा था कि क्या वे उनके घर आना चाहेंगे क्योंकि उनके ‘पति एंथनी घर पर नहीं हैं’। कोहेन ने कई अलग-अलग तरीकों से भी उसके साथ यौन संबंध बनाने के संकेत दिए।जिसके बाद वह बेंजामिन से अकेले मे मिलने से बचने लगा था।
कई महिला कर्मचारियों ने भी आरोप लगाया कि बेंजामिन और एंथनी ने उनसे सरोगेट बनने की बात की, जो उन्हें असहज और अपमानजनक लगी थी भले ही उन्होंने ये मज़ाक के तौर पर कहा हो। इसके अलावा कई कर्मचारियों ने बेंजामिन कोहेन पर कर्मचारियों को डांटने और नीचा दिखाने का आरोप भी लगाया है।
व्यक्तीगत अनुभवों के अलावा कर्मचारियों ने ऑफिस में नशे और टॉक्सिक कल्चर के बारे में भी कई अहम खुलासे किए हैं।
बेंजामिन कोहेन और एंथनी जेम्स ने इन आरोपों को खारिज किया है और फिलहाल कोई बयान देने से बच रहे हैं। लेकिन इतना क्रांतिकारी कार्य करने वाले एक मीडिया संस्थान पर इस तरह के आरोप चिंता के साथ-साथ कड़ी जांच का विषय भी हैं।