IAS पूजा खेड़कर के मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। हर कोई पूजा के साथ-साथ UPSC की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहे हैं। पूजा का मामला अभी ठंडा हुआ भी नहीं था कि, UPSC में जाली दस्तावेजों से जुड़े नए पहलू खुलने लगे हैं। एक के बाद एक नए-नए जाली दस्तावेजों के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला आया है IAS “आशिफ के. यूसुफ” का।
आशिफ 2016 बैच के केडेड थे। खबर है कि, आशिफ ने भी अपने आय प्रमाण पत्र में हेरफेर करी थी। उन पर आरोप है कि, उन्होंने गैरकानूनी रूप से UPSC में अपना नामांकन ओबीसी की नॉन क्रीमी लेयर के आरक्षण श्रेणी के तहत किया था। इन आरोपों के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर, राज्य प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू की। उस जांच से पता चला कि, आशिफ नॉन क्रीमी लेयर के पात्र ही नहीं थे।
इस के अलावा एक और IAS अफसर है, जिसके विकलांगता के दावे पर सवाल उठ रहे हैं। हम बात कर रहे है पूर्व आईएएस अफसर अभिषेक सिंह की। अभिषेक 2011 बैच के केडेड थे। उन्होंने अभिनेता बनने के लिए अपने IAS के पद से 2023 में इस्तीफा दे दिया था। हाल ही में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह जिम में डांस करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के बाद उनकी विकलांगता सवालों के घेरे में आ गई हैं। उन्होंने UPSC की परीक्षा के दौरान चलने-फिरने में अक्षमता का दावा किया था। उनके इस दावे पर जनता सवाल कर रही हैं और उन्हें एक योग्य विकलांग व्यक्ति का हक छीनने के लिए ताने मार रही हैं।
लोगों के सवालों का जबाव देते हुए अभिषेक ने कहा कि, अभिषेक सिंह को लोग उनकी मर्दानगी, मेहनत और हिम्मत के लिए जानते है, न की किसी के अहसान की वजह से। उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ भी हासिल किया है, वो अपने बलबूते पर हासिल किया है, न की आरक्षण के आधार पर।
वहीं पूजा से जुड़ा एक और खुलासा हुआ है। ऐसा कहा जा रहा है कि, परीक्षा के अंतिम प्रयास के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर दो बार और परीक्षा दी थी। ओबीसी के तहत उनके पास परीक्षा के 9 प्रयास थे, लेकिन उन्होंने 11 बार सिविल सेवा की परीक्षा दी थी। इस बात की जानकारी एक मराठी समाचार चैनल ने दी है। चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा ने 2021-22 के बाद, अपना नाम पूजा खेडकर से बदलकर पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर रख लिया था।
पूजा के मामले के बाद ट्विटर के कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बारे में प्रमाण सहित खुलासे हो रहे हैं। कई अधिकारी है, जिन्होंने जाली आय प्रमाण पत्र, जाली कोटा और जाली विकलांग प्रमाण पत्र के जरिए परीक्षा पास की हैं।
इन खुलासों के बाद देश भर में इस तरह के हजारों मामलों की जांच पर ज़ोर दिया जा रहा है। कई लोग इन मामलों पर सख्त कार्यवाई की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि, धांधली करने वाले सभी अफसरों की, चाहे फिर वह सेवानिवृत्त ही क्यूं न हो उनकी तत्काल में गिरफ़्तारी होनी चाहिए। उनकी स्वार्थ प्रवत्ति की वजह से ऐसे कई योग्य और जरूरतमंद लोग हैं, जिनका जीवन खराब हो गया हैं। ऐसे में उन्हें सज़ा मिलना अनिवार्य है।