पालनपुर के पूर्व IPS अधिकारी संजीव भट्ट को बनासकांठा जिले पालनपुर की अदालत ने दोषी ठहराते हुए 20 साल की सजा और 2 लाख रुपये जुर्माने का हमें ऐलान किया है। यह मामला 28 साल पूराना है। उन पर राजस्थान के एक वकील को ड्रग केस में फंसाने का आरोप है। पालनपुर कोर्ट ने संजीव भट्ट को NDPS मामले में बुधवार को दोषी करार दिया था। जिसके बाद उन्हें गुरुवार को सजा सुनाए जाने के लिए पालनपुर सेशन कोर्ट में पेश किया था।
1996 में पुलिस ने पालनपुर के एक होटल के कमरे से ड्रग्स की बरामदगी की थी। यह केस पालनपुर के होटल लाजवंती में लाई जा रही दवाओं के बारे में मिली जानकारी छापेमारी और ड्रग्स की बरामदगी से जुड़ा है। संजीव भट्ट ने यह दावा किया था कि, पालनपुर के जिस होटल के कमरे से ड्रग्स बरामद किया था। वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित उसी कमरे में रह रहा था। उन्होंने इस मामले में राजस्थान के एक वकील को गलत तरीके से फंसाया था। जिस केस में वह साल 2018 से अभी तक जेल मे बंद हैं।
आरोपी संजीव भट्ट के खिलाफ विशेष लोक अभियोजकों द्वारा की गई जांच के बाद NDPS कानून के धारा 21 (C), 27 (A), 29, 58 (1), 58 (2) एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 116, 167, 204, 343, 465, 471, 120(B) के तहत केस दर्ज कर उनको दोषी करार किया गया है।
संजीव भट्ट गुजरात कैडर के पूर्व IPS अधिकारी हैं। आईआईटी बॉम्बे से एमटेक की डिग्री पूरी करने के बाद, भट्ट 1988 में आईपीएस में शामिल हुए थे। जामनगर मे हुए दंगे के बाद 150 लोगों को हिरासत में लिया था। जिन में से एक प्रभुदास वैश्नानी की कुछ दिनों बाद किडनी फेल होने से मृत्यु हो गई और उनके परिवार ने आरोप लगाया कि, पूर्व आईपीएस अधिकारी ने हिरासत में मृतक को प्रताड़ित किया था। संजीव भट्ट पहले से ही 1989 के हिरासत में मौत के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
क्या है NDPS कानून
NDPS एक्ट दो भागों में बंटा हुआ है। पहला भाग ND और दूसरा भाग PS है। ND का मतलब Narcotic Drugs होता और PS का मतलब Psychotropic Substances होता है। यह नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़ा है। जिसमें कोकेन, गांजा, अफ़ीम, डोडा, चूरा, एमडीएमए, एमडी, एक्सटैसी, एल्प्राज़ोलम , नशीले पदार्थ होते है। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले आरोपी को 1 साल से 20 साल तक के कठोर कारावास की सजा होती है। इसके साथ ही 1 से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाता है।