जब कोई रामायण के बारे में बात करता है, जो अब तक के सबसे प्रसिद्ध भारतीय पौराणिक ग्रंथों में से एक है, तो राम की कहानी, जो बार-बार कही और दोहराई गई है,दिमाग में आती है। लेकिन अगर कोई बारीकी से देखे, तो हो सकता है कि बहुत से पात्र एक ही कहानी को अलग-अलग तरीके से कहना चाहें। भारत मे बहुत से ऐसे लेखक हुए है, जिन्होंने रामायण का अलग तरीके से पुनर्निर्माण किया है और दिखाया है कि बिना रामायण का सार खराब किए बगैर कैसे कहानी के वर्णन को मोड़ा जा सकता है, अगर उन्हें पूरी तरह से अलग चरित्र द्वारा बताया जाए। आइए जानते है ऐसी किताबें रामायण को बिना उसका सार खराब किये नए तरीके से प्रस्तुत करती हैं।
- असुर : पराजितों की गाथा
लेखक – आनंद नीलकंठन
राम के बचपन की कथा आपने सुनी होगी अब इस किताब में रावण के बचपन की कथा पढ़िए जोकि बड़ी ही रोचक है। रावण के लिए लिखी गयी कथा में तो रावण ही नायक होगा। रावण एक पराक्रमी राजा कैसे बना और उसकी इस अदम्य महत्वाकांक्षा के पीछे किन घटनाओं का योगदान था, यह सब बताते हुए कहानी आगे बढती है। परन्तु रावण को सिर्फ नायक बताकर उसके गुणों का विवेचन ही नहीं किया गया है, रावण के भय, पश्चाताप और आशंकाओ को भी वर्णित किया गया है। असुर एक बेस्टसेलर पुस्तक है जिसके राइटर आनंद नीलकंठन हैं। जैसे रामायण के मुख्य पात्र भगवान राम हैं, वैसे ही रावण को केंद्र में रखकर रावणायन लिखी जाये तो वो इस किताब जैसी होगी।
- द लिबरेशन ऑफ सीता
लेखक – वोल्गा
अनुवाद(तेलुगु) – टी. विजय कुमार और सी. विजयश्री
यह पुस्तक छोटी कहानियों का एक संग्रह है, जिसमें रामायण की सीता नायक हैं जो कई अन्य महिलाओं से मिलती हैं; जिन महिलाओं का महाकाव्य में कम प्रतिनिधित्व है जैसे अहल्या, सुरफंखा, रेणुका देवी और उर्मिला। ये कहानियाँ कालानुक्रमिक क्रम में नहीं हैं क्योंकि ये सीता के निर्वासन से पहले और बाद के जीवन को दर्शाती हैं, इसलिए यह हमें कहानी का व्यापक विचार नहीं देती हैं, बल्कि इन महिलाओं के बारे में बात करती हैं जो एक अलग तरीके से अकेलेपन का प्रतिनिधित्व करती हैं और जिस तरह से वे ताकत देती हैं। सीता को अपने दुख से उबरने के लिए।
- सीता की बहनें
लेखक – कविता काने
रामायण के विभिन्न पारंपरिक प्रतिपादनों को पढ़ते समय, अक्सर आश्चर्य होता है कि लक्ष्मण की बहादुर और आत्म-त्यागी पत्नी के बारे में इतना कम क्यों कहा गया है, जिन्होंने राम की तरह ही धर्म का पालन किया था। कहानी मिथिला के राजा और रानी जनक और सुनैना के महल में चार बहनों – सीता, उर्मिला, मांडवी और श्रुतकीर्ति के बचपन से शुरू होती है। जबकि सीता विनम्र हैं, मांडवी हठी है और श्रुतकीर्ति बच्ची है, कहानी मे उर्मिला के व्यक्तित्व के बारे मे लिखा गया है।
- द फॉरेस्ट ऑफ एन्चांटमेंट्स
लेखक – चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी
विश्व के महानतम महाकाव्यों में से एक रामायण भी एक दुखद प्रेम कहानी है। “द फॉरेस्ट ऑफ एन्चांटमेंट्स” भी महाकाव्य में कुछ अन्य महिलाओं की एक बहुत ही मानवीय कहानी है, जिन्हें अक्सर गलत समझा जाता है और हाशिये पर धकेल दिया जाता है। ये पुस्तक पुरुषों को विशेषाधिकार देने वाली दुनिया में स्वायत्तता बनाए रखने के लिए महिलाओं के संघर्ष के बारे में भी है, लेखिका ने इस प्राचीन कहानी को इच्छाओं की एक मनोरंजक, समकालीन लड़ाई मे बदल कर दिखाया है।
- रामचंद्र सीरीज
लेखक – अमीष त्रिपाठी
‘‘रामचंद्र श्रृंखला’’ में पहली किताब राम की कहानी ‘‘ सायन आफ इक्ष्वाकु’’ की पड़ताल करती है, दूसरी सीता की कहानी ‘‘ वॉरियर आफ मिथिला’’ और तीसरी में ‘‘एनेमी आफ आर्यवर्त’’ है। सीरीज में रामायण की कहानी का उसके महत्वपूर्ण पात्रों – राम, सीता, रावण और हनुमान के दृष्टिकोण से वर्णन किया गया है । अधिकांश पात्र और उनके रिश्ते रामायण से लिए गए हैं। हालाँकि, कथानक को और भी दिलचस्प बनाने के लिए अमीश ने स्क्रिप्ट में कुछ नए पात्रों को भी शामिल किया है।
इन किताबों के अलावा भी देवदत्त पटनायक द्वारा लिखी गई ‘सीता’ जैसी कई और किताबें भी हैं लेकिन उपर दी गई किताबों रामायण को कुछ बहुत अलग आयाम से दिखाया गया है।