अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने 12 जनवरी से विशेष अनुष्ठान का आरंभ कर दिया है। मोदी ने शुक्रवार को एक खास संदेश में कहा कि, “रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आज से मैं 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर राह हूं। मैं बहुत भावुक हूं और अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना काफी मुश्किल है।” बता दें कि 22 जनवरी को पीएम मोदी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे।
पीएम मोदी ने अपने वीडियो संदेश में क्या कहा?
पीएम मोदी ने अपने वीडियो संदेश की शुरुआत में राम चंद्र की जय कहकर किया। उन्होंने कहा, “मेरे देशवासियों, राम-राम जीवन के कुछ क्षण ईश्वरीय आशीर्वाद की वजह से ही याथार्थ में बदलते हैं। आज हम सभी भारतीयों के लिए, दुनियाभर के रामभक्तों के लिए, ऐसा ही पवित्र अवसर है। हर तरफ प्रभु श्रीराम की भक्ति का अद्भुत वातावरण है। चारों दिशाओं में राम नाम की धुन राम भजनों की अद्भुत सौंदर्य माधुरी है। हर किसी को इंतजार है 22 जनवरी का, उस ऐतिहासिक पवित्र पल का। अब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में 11 दिन ही बचे हैं। मुझे सौभाग्य है कि मुझे भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है। मेरे लिए अभिव्यक्ति का नहीं, अनुभूति का अवसर है, चाहते हुए भी इसकी गहनता, व्यापकता और तीव्रता को शब्दों में बांध नहीं पा रहा हूं. आप भी मेरी स्थिति को समझ सकते हैं।”
क्या है अनुष्ठान का महत्व?
आपको बता दें कि शास्त्रों में देव प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा एक विशद एवं वृहद प्रक्रिया है इसके लिए विस्तृत नियम बताए गए हैं जिनका प्राण प्रतिष्ठा के कई दिन पहले से पालन करना होता है। एक रामभक्त के रूप में प्रधानमंत्री जी राममंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा के प्रति एक आध्यात्मिक साधना के भाव से समर्पित हैं। उन्होंने तय किया कि अपनी तमाम व्यस्तताओं और जिम्मेदारियों के बावजूद वो प्राण प्रतिष्ठा के दिन और उसके पूर्व के सभी नियमों और तपश्चर्याओं को उतनी ही दृढ़ता के साथ पालन करेंगे, जैसा कि शास्त्रों में निर्देश दिया गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व 11 दिवसीय यम-नियम पालन का अनुष्ठान शुरू किया है।
देव प्रतिष्ठा को पार्थिव मूर्ति में ईश्वरीय चेतना के संचार का अनुष्ठान बताया गया है। इसके लिए शास्त्रों में अनुष्ठान से पूर्व व्रत के नियमों का निर्देश दिया गया है। प्रधानमंत्री अपनी दैनिक दिनचर्या में ब्रह्ममुहूर्त जागरण, साधना और सात्विक आहार जैसे नियमों का पालन तो अनवरत ही करते हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री ने सभी 11 दिवसीय अनुष्ठान के तौर पर कठोर तपश्चर्या के साथ व्रत लेने का निर्णय किया है।
नासिक-धाम पंचवटी से शुरू होगा अनुष्ठान
अपने ऑडियो मैसेज में पीएम ने कहा कि, “मेरा ये सौभाग्य है कि मैं अपने 11 दिनों के अनुष्ठान का आरंभ मैं नासिक-धाम पंचवटी से कर रहा हूं। पंचवटी वो पावन धरा है, जहां भगवान राम ने काफी वक्त बिताया था। आज मेरे लिए एक सुखद संयोग ये भी है कि आज स्वामी विवेकानंद की जन्मजयंती है। स्वामी विवेकानंद जी ने ही हजारों वर्षों से आक्रांतित भारत की आत्मा को झकझोरा था। आज वही आत्मविश्वास भव्य राम मंदिर के रूप में हमारी पहचान बनकर सबके सामने है।”