America, Canada और अन्य देशों में भारत या Indian NRI की मौत एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। बीते 2 सप्ताह में ही 4 भारतीय छात्रों की अलग-अलग स्थानों पर हत्या कर दी गई।
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2021 में हिंसा से पीड़ित भारतीयों की संख्या 29 थी, जो 2022 में बढ़कर 57 और 2023 में 86 हो गई।
दुर्भाग्यवश, साल 2023 में, जिन 86 भारतीय नागरिकों पर हमला किया गया था, उन सभी की मौत हो गई। America मे मरने वाले भारतीयों के आंकड़े 12 थे, जबकि Canada, UK और Saudi Arabia में यह संख्या 10-10 थी। भारतीयों पर नस्लीय हमले की सबसे अधिक घटनाएं भी America में ही हुईं हैं।
हमने कल ही भारतीय संसद में केंद्र सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों पर आधारित एक लेख लिखा था, जिसमें इसी गंभीर समस्या को हाईलाइट किया गया है। हालांकि, उस बात को अभी 24 घन्टे भी पूरे नहीं हुए थे कि एक और भारतीय मूल के अमेरिकी ‘सुचिर बालाजी’ की मौत की ख़बर आ गई है।
https://thefourth.in/vidambana-lakhon-bhartiy-chod-rahe-bhartiya-nagrikta-lekin-videshon-mein-unke-saath-bad-rahi-hinsa/
26 वर्षीय रिसर्चर का शव San Francisco स्थित उन्हीं के अपार्टमेंट में मिला है। भले ही शुरुआती जांच की ख़बरों में Suicide की बात सामने आ रही है, लेकिन एक बड़ा तबका है, जो इसमे साजिश के तहत Murder का एंगल भी जोड़ रहा है। सवाल हैं कि आखिर ऐसा क्यूँ?
दरअसल इसके पीछे अक्टूबर में हुई एक बड़ी घटना शामिल है जिसमें ‘सूचिर’ ने एक बड़े ऑर्गनाइजेशन के अहम राज़ खोल दिए थे। लेकिन उस घटना पर जाने से पहले हम जानेंगे की ‘सुचिर बालाजी’ आखिर कौन थे, क्या करते थे और क्यूँ उनकी मौत पर इतनी चर्चा होनी चाहिए?
कौन थे सूचिर?
महज 26 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले ‘सुचिर’ वह शख्स थे, जिन्होंने Artificial Intelligence के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है। उनका बचपन California में गुजरा और बाद में उन्होंने UC Berkley में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की, कॉलेज के दौरान ही उनका AI की तरफ़ रुझान बढ़ गया। फिर उन्होंने बीमारियों को ठीक करने और उम्र बढ़ने को रोकने जैसी AI related कई रिसर्च करनी शुरू कर दीं।
AI के क्षेत्र में निभाई अहम भूमिका
कॉलेज में रहते हुए उन्होंने ‘OpenAI’ और ‘Scale AI’ में इंटर्नशिप की। ‘OpenAI’ में अपने शुरुआती दिनों में बालाजी ने WebGPT पर काम किया। इसके बाद उन्होंने GPT-4 के लिए प्रीट्रेनिंग टीम, O-1 के साथ रीजनिंग टीम और ChatGPT के लिए पोस्ट-ट्रेनिंग पर काम किया था।
OpenAI में काम करने के दौरान बालाजी ने ChatGPT को ट्रेनिंग देने के लिए उपयोग की जाने वाले इंटरनेट डेटा को इकट्ठा करने और व्यवस्थित करने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने ChatGPT AI मॉडल को सही शेप देने में कंपनी की काफ़ी
मदद की थी।
वह ऐसे शख्स थे, जिन्होंने AI को बेहतर बनाने में योगदान तो दिया ही था, लेकिन जब उन्हें अंदेशा हुआ कि उनकी कंपनी गडबड़ी कर रही है तो उन्होंने कंपनी के खिलाफ़ भी मजबूती से आवाज़ बुलंद की वो भी बड़े मंच पर। उनका कहना था कि OpenAI लोगों के डेटा को ग़लत रूप से एक्सेस कर रही है।
कंपनी के कई राज खोले
पिछले महीने ही New York Times के साथ एक इंटरव्यू में सूचिर ने कहा था कि, OpenAI का बिजनेस मॉडल अनस्टेबल और इंटरनेट के इकोसिस्टम के लिए बेहद ख़तरनाक है। उन्होंने उन लोगों से भी कंपनी छोड़ने की अपील की थी जो उनके विचार से सहमति रखते हों।
OpenAI के काम करने के तरीके खतरनाक थे, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर AI मॉडल को ट्रेनिंग देने के लिए बिना परमीशन के कॉपीराइट मटेरियल का इस्तेमाल किया था।
सूचिर बार-बार AI के ख़तरनाक इम्पैक्ट को हाईलाइट करने का प्रयास कर रहे थे। उनका कहना था कि, ChatGPT बनाने के लिए बिना अनुमति के पत्रकार, लेखक, कलाकार, स्कोलर्स और प्रोग्रामर्स आदि के भी कॉपीराइटेड मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। जिसका सीधा असर कई बिजनेस, सोशल और पोलिटिकल स्थिति पर भी पड़ेगा।
अहम गवाही देने वाले थे, क्या इसीलिए हुई हत्या?
फ़िलहाल OpenAI और AI के खिलाफ़ कई केस भी चल रहें हैं, ऐसे में माना जा रहा था की ‘सुचिर बालाजी’ के नॉलेज और गवाही से OpenAI का पक्ष कोर्ट केस में कमज़ोर हो सकता है। इसीलिए उनकी यूं अचानक मौत अब शक के घेरे में हैं।
अंदेशा है कि या तो उनकी हत्या की गई है या फिर उनको मेंटली टॉर्चर करके suicide जैसा आत्मघाती कदम उठाने के लिए मज़बूर किया गया है।
सोशल मीडिया और ख़ासकर की ‘X’ पर इस मामले को लेकर एक बड़ी बहस चल रही है। X के मालिक Elon Musk ने भी सुचिर की मौत से जुड़ी ख़बर को शेयर करते हुए रिएक्ट किया है।
गौरतलब है कि, OpenAI की स्थापना 2015 में Elon Musk और Sam Altman ने मिलकर की थी। तीन साल बाद, Musk ने OpenAI छोड़ दिया और एक अन्य स्टार्ट-अप xAI की स्थापना की। पिछले महीने मस्क ने भी OpenAI पर आरोप लगाया था कि OpenAI मोनोपोलीस्ट (पूरे बिज़नेस में अकेले राज या मनमानी करने की क्षमता रखने वाली संस्था) है।