इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में नए ट्रैक की ट्रायल के दौरान दो छात्राएं ट्रेन की चपेट में आ गईं। यह घटना गुरुवार की देर शाम की है। अब दोनों छात्राएं कोचिंग से वापस आ रही थी तब यह हादसा हुआ था। आपको बता दें कि दोनों लड़कियां पटरी पार कर रही तभी 120 की रफ्तार से आ रही ट्रायल ट्रेन की चपेट में आ गई।
एक-एक लाख रुपये की सहायता
इधर घटना के बाद कैबिनेट मंत्री तुलसी ने मृत बच्चियों के परिजनों से मुलाकात कर चर्चा की और उनका दुख बांटा। इस दौरान उन्होंने एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि दी और साथ ही खुद के खर्चे से मृत बच्चियों के भाई-बहनों को पढ़ाने की बात कही। वहीं दोषी रेलवे अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात भी उन्होंने कही है।
पहले कभी नहीं गुजरी इस ट्रैक से ट्रेन
परिजनों का हा आरोप कि रेल पटरी के दोनों और बस्ती है, सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं है। यहाँ तक की ट्रेन के ट्रायल की भी सूचना नहीं दी गई थी। परिवारों का कहना है कि जिस ट्रैक को छात्राएं क्रॉस कर रही थीं, वहां से इसके पहले कभी कोई ट्रेन नहीं गुजरी है, इसलिए छात्राएं उसे पार कर रही थीं।हादसे के बाद दोनों छात्राओं के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।
पहली बार कोई ट्रेन गुजरी थी
हादसा तब हुआ, जब रेल पटरी के दोहरीकरण के बाद एक परीक्षण ट्रेन का ट्रायल कर इसे नवनिर्मित मार्ग परखा जा रहा था और 10वीं कक्षा की दोनों छात्राएं कोचिंग से घर लौटते वक्त पटरियां पार कर रही थीं। कहा गया है कि राज्य के कैबिनेट मंत्री और क्षेत्रीय विधायक तुलसीराम सिलावट ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को हादसे की जानकारी दी जिसके बाद उन्होंने रतलाम के मण्डल रेल प्रबंधक (डीआरएम) को इसकी जांच के निर्देश दिए।
केंद्रीय रेल मंत्री ने दिए जांच के आदेश
तुलसीराम सिलावट की मांग पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रतलाम के डीआरएम को तुरंत ही जांच के निर्देश दिए हैं। सिलावट ने बताया कि गुरुवार शाम रेलवे ट्रैक पर हुई घटना में मृत दोनों लड़कियों के परिजनों से चर्चा की और उन्हें ढांढस बंधाते हुए कहा कि उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी। घटना में जिन दो लड़कियों की मौत हुई है उनकी पहचान 17 वर्षीय बबली और 17 वर्षीय राधिका के तौर पर हुई है।
अब इस हादसे पर कई तरह के सवाल उठ रहे है
जब इस लाइन पर हो रहे ट्रायल के दौरान तमाम अफसर ट्रेन में मौजूद थे , तो इसके बावजूद भी वे हादसा टाल क्यों नहीं पाए ?क्या उन्हे यह दोनों बच्चियाँ नहीं नजर आई?
क्या यहाँ रह रहे लोगों को ट्रायल रन की सूचना नहीं दी गई थी?