राष्ट्रपति पद पर विराजमान होने के बाद Donald Trump ने जिस Birthright Citizenship को समाप्त करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, उसे स्थानीय कोर्ट ने Unconstitutional करार दिया हैं। आदेश लागू होने के बाद, 19 फरवरी से ऐसे लोगों के लिए नागरिकता का रास्ता बंद होने का डर था, जिनको माता-पिता के American न होने के बावजूद भी, केवल जन्म के आधार पर नागरिकता मिल जाती थी। इस फैसले के बाद, लोग फ़िलहाल तो राहत की सांस ले सकते हैं।
जज ने की कड़ी टिप्पणी!
फेडरल जज John Coughenour ने फटकार लगाते हुए कहा कि, “मुझे समझ में नहीं आ रहा कि कोई कानूनविद यह कैसे कह सकता है कि यह आदेश संवैधानिक है। यह तो मेरी समझ से बाहर है। ट्रंप प्रशासन का फैसला साफ तौर से असंवैधानिक है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं पिछले चार दशकों से कोर्ट के कामकाज संभाल रहा हूं। ऐसा कोई अन्य मामला याद नहीं आता जब कोई ऐसा असंवैधानिक फैसला लिया है।”
क्या था Donald Trump का फरमान?
ट्रंप ने अपने द्वितीय कार्यकाल के प्रथम दिन ही एक आदेश पर दस्तखत किए थे, जिसमें जन्म के आधार पर अमेरिकी नागरिकता देने के कानून को खत्म करने की बात कही गई थी। इस आदेश के अनुसार, अमेरिका में जन्मे बच्चों को तभी नागरिकता मिलती अगर उनके माता-पिता में से कोई एक अमेरिकी सेना का सदस्य, ग्रीन कार्ड धारक या वहीं का ही एक नागरिक होता।
क्या होगा आगे का भविष्य?
इस आदेश को चार Democrats- नेतृत्व वाले राज्यों ने चुनौती दी थी। फ़िलहाल, जज ने इस पर अस्थाई रोक लगाई हैं, लेकिन यह लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई हैं तथा इस पर लंबी कानूनी बहस चल सकती हैं। जिस तरह से न्यायाधीश ने इस पर रोक लगाई हैं, उससे विरोध कर रहे लोगों में न्याय की उम्मीद बढ़ी हैं।
हिन्दुस्तानी ले सकते हैं चैन की सांस!
Birthright Citizenship को समाप्त करने के आदेश पर लगाई गई रोक से भारतीय कुछ समय राहत की सांस ले सकते हैं। अमेरिका में जन्मे बच्चों को नागरिकता मिलने का अधिकार बरकरार रहने से परिवारों को स्थिरता एवं सुरक्षा मिलेगी।भारतीय-अमेरिकी समुदाय को आशा है कि कोर्ट अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन को बचाएंगी, जिसके अनुसार अमेरिका में जन्मे हर बच्चे को वहां की नागरिकता दी जाएगी, भले ही उनके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी हो।