गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में विभिन्न स्थानों पर जंगलों में आग लगने की 31 घटनाएं सामने आ चुकी है। उत्तराखंड के नैनीताल के समीप नैनीताल भवाली रोड पर पाइंस के जंगल में कल भीषण आग लग गई, जिसकी चपेट में आईटीआई भवन भी आ गया। जिनमें 2 व्यक्ति झुलस गए। इस बीच रुद्रप्रयाग के जंगलों में आग लगाने वाले 3 व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
पिछले 36 घंटे से नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए भारतीय वायु सेवा का सहारा लिया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के MI-17 हेलीकॉप्टर ने नैनीताल, भीमताल और 7 ताल झील का हवाई निरीक्षण कर हेलीकॉप्टर की बकेट में पानी भरके जंगल में डालने का काम शुरु कर दिया है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राहुल आनंद ने बताया कि, क्षेत्र का हवाई निरीक्षण करने के बाद अब हेलीकॉप्टर से नैनीताल की जंगल में लगी आग बुझाने का काम शुरु कर दिया है।
प्रदेश में पिछले 24 घंटो के दौरान वन में आग लगने की 26 घटनाएं कुमाउं क्षेत्र की है, जबकि 5 घटनाएं गढ़वाल क्षेत्र की है। जिनमें 33.34 हैक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इन घटनाओं में 39,440 रुपये की आर्थिक नुकसान होने का आकलन किया गया है। पिछले साल 1 नवंबर से अब तक प्रदेश में वन में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आयी हैं जिनमें 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ और अब तक 14,41,771 रुपये का आर्थिक नुकसान हो चुका है।
उत्तराखंड में बढ़ते आग लगने के मामले के बीच पुलिस ने जखोली और रुद्रप्रयाग क्षेत्र में जंगल में बढ़ते आग के मामले की तह तक जाने के लिए एक टीम का गठन किया था। जिसकी कार्रवाई के दौरान पुलिस ने इन आरोपियों को पकड़ा है। वन अधिकारी ने बताया कि, जंगल में आग लगाने में शामिल अपराधियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
जखोली के तड़ियाल गांव के भेड़पालक नरेश भट्ट को जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा था। उत्तरी जखोली के डंगवाल गांव में हेमंत सिंह एवं भगवती लाल नामक व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि, बकरियों को चराने के लिए नई घास उगाने के लिए उसने जंगल में आग लगाईं थी।