आज पूरी दुनिया में World Health Day बनाया जा रहा हैं। एक इंसान की ज़िंदगी के हर पहलू पर उसकी Health प्रभाव डालती हैं। फिर चाहे वो Physical Health हो या Mental Health। यदि आप इनमें से किसी भी तरह से ठीक नहीं हैं तो आपकी ज़िंदगी प्रभावित हो सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए World Health Day बनाया जाता हैं जिसका मकसद लोगों को अच्छी सेहत की अहमियत के बारे में जागरूक करना हैं।
World Health Day की शुरुआत कब हुई?
World Health Organisation (WHO) ने 1948 में पहली World Health Assembly का आयोजन किया था। इस सभा में ये अहम फैसला लिया गया कि 1950 से हर साल 7 अप्रैल को World Health Day बनाया जाएगा। तब से लेकर आज तक हर साल 7 अप्रैल को एक खास थीम के साथ इसे मनाया जाता है। इस बार की थीम हैं “Healthy Beginnings, Hopeful Futures” यानी “स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य” जो इस बात पर ज़ोर देती हैं कि एक अच्छी lifestyle ही बेहतर भविष्य की बुनियाद हैं।
भारत का स्वास्थ्य के क्षेत्र में सफर
1947 में आज़ादी मिलने के बाद से अब तक भारत ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत लंबा सफर तय किया हैं। तब से लेकर अब तक हमारे देश को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा, लेकिन सभी की मिलीजुली कोशिशों से अच्छे नतीजे भी देखने को मिले। 1947 में हमारे देश में एक व्यक्ति की life expectancy सिर्फ 32 साल थी। Cholera, टीबी जैसी बीमारियां लोगों की जान ले रही थी। मलेरिया और पोलियो जैसी बीमारियों का भी भारत में एक लंबा इतिहास रहा ही हैं। इन सब से निपटने के लिए कई ज़रूरी कदम उठाए गए। Primary Health Centres, जिला अस्पतालों और अन्य ज़रूरी केंद्रों की स्थापना की गई। मलेरिया कंट्रोल प्रोग्राम, टीबी कंट्रोल प्रोग्राम, cholera कंट्रोल प्रोग्राम आदि चलाए गए। तब से अबतक की कोशिशों के अच्छे परिणाम भी देखने को मिले।
मलेरिया और टीबी पर जीत
मलेरिया के मामलों और उससे हुई मौतों के में पिछले 8 सालों में 80% तक गिरावट आई हैं। टीबी के मामलों में भी भारत का प्रदर्शन अच्छा हैं। पिछले 8 सालों में भारत ने 17.7% प्रतिशत की गिरावट दर्ज की हैं।
भारत की पोलियो पर सफलता
पोलियो से निपटने के मामले में भारत ने दुनिया के सामने एक अलग ही मिसाल पेश की हैं। 1995 में ये बीमारी भारत में एक बड़ी समस्या थी। अकेले भारत में ही दुनियाभर के पोलियो के 60% मामले दर्ज होते थे। इसका असर गरीब और ग्रामीण लोगों पर ज़्यादा देखने को मिलता था। इससे निपटने के लिए 1995 में सरकार ने “दो बूंद जिंदगी की” अभियान शुरू किया। हर साल अनगिनत बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाने लगी। आगे चलकर भारत को इसमें सफलता भी मिली। भारत में आखिरी पोलियो केस 13 जनवरी 2011 पश्चिम बंगाल में मिला था। 2014 में WHO ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया।
कोरोना महामारी से भारत की लड़ाई
हाल ही में, कोरोना महामारी भी भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई। 2020 में शुरू हुई इस महामारी ने अनगिनत लोगों की जान ले ली थी। जो बच गए उन्हें कई दूसरी परेशानियों से गुज़रना पड़ा। हालांकि इस मुसीबत का भी भारत ने डटकर सामना किया। भारत में 45,041,748 मामले सामने आए और 42,604,881 इस बीमारी से ठीक भी हो गए। आज 951,990,552 लोग पूरी तरह से vaccinated हैं।
अच्छी Health के कुछ टिप्स
खाने में फल, सब्ज़ियाँ, दाल, अनाज, दूध, दही, सूखे मेवे और प्रोटीन वाली चीज़ों को शामिल करें। दिनभर में 7-8 गिलास पानी जरूर पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। रोज़ाना कम से कम 30 मिनट वॉक, योग या हल्की exercise करें। रोज़ 7 से 8 घंटे की नींद ज़रूरी है ताकि शरीर और दिमाग दोनों फ्रेश रहें। Stress से दूर रहें। ध्यान (Meditation) और पॉजिटिव सोच अपनाएं। अपने आस पास की साफ-सफाई का ध्यान रखें। शराब, तम्बाकू, गुटखा, सिगरेट जैसी चीज़ों से दूर रहें। समय-समय पर Health चेकअप कराएं। हंसते और खुश रहे इससे शरीर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है। ज़्यादा मोबाइल या स्क्रीन टाइम से बचें।