17 अप्रैल 2025 को, अमेरिका के फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी में एक भयानक शूटिंग की घटना हुई। 20 वर्षीय छात्र फीनिक्स इक्नर ने दो लोगों की हत्या कर दी और छह अन्य को घायल कर दिया। यह हमला यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट यूनियन बिल्डिंग के पास दोपहर 11:50 बजे शुरू हुआ। इक्नर ने पहले एक राइफल से फायरिंग की, जो जाम हो गई, फिर उसने अपनी मां की सर्विस पिस्टल से गोलीबारी जारी रखी। पुलिस ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया और अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत स्थिर है।
इक्नर, जो कि लॉ एन्फोर्समेंट के यूथ प्रोग्राम का हिस्सा रह चुका था, ने अपनी मां की सर्विस पिस्टल का इस्तेमाल किया, जो कि 18 वर्षों से शेरिफ डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं। घटना के समय, यूनिवर्सिटी में अफरा-तफरी मच गई; छात्र और स्टाफ मेंबर्स ने खुद को सुरक्षित स्थानों पर छुपाया। इस हमले में मारे गए दोनों व्यक्ति यूनिवर्सिटी के छात्र नहीं थे।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएँ
यहाँ कुछ पुराने और बड़े स्कूल/कॉलेज शूटिंग के मामलों का विस्तार से विवरण दिया गया है जो अमेरिका के गन कल्चर, मानसिक स्वास्थ्य संकट और हिंसक सोच की गंभीरता को उजागर करते हैं जैसे –
1. वर्जीनिया टेक शूटिंग (2007)
तारीख : 16 अप्रैल 2007
जगह : वर्जीनिया टेक यूनिवर्सिटी, ब्लैक्सबर्ग, वर्जीनिया
हमलावर : सियोंग-हुई चो (Seung-Hui Cho), यूनिवर्सिटी का ही छात्र
मारे गए लोग : 32
घायल : 17
चो ने पहले अपने हॉस्टल में दो छात्रों की हत्या की। फिर दो घंटे बाद वह एक अकादमिक बिल्डिंग में गया, जहां उसने क्लासरूम में अंधाधुंध फायरिंग की। चो खुद मानसिक रूप से अस्थिर था और उसे पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया गया। आखिर में उसने खुद को भी गोली मार ली। यह अमेरिका के इतिहास की अब तक की सबसे घातक स्कूल शूटिंग थी। इसने यूनिवर्सिटी सिक्योरिटी और मानसिक स्वास्थ्य सिस्टम दोनों की खामियों को उजागर किया।
2. कोलंबाइन हाई स्कूल शूटिंग (1999)
तारीख: 20 अप्रैल 1999
जगह: कोलंबाइन हाई स्कूल, कोलोराडो
हमलावर: एरिक हैरिस और डायलन क्लेबोल्ड (दो स्टूडेंट्स)
मारे गए लोग: 13
घायल: 24
दोनों लड़कों ने स्कूल में घुसकर फायरिंग की और बम प्लांट करने की भी कोशिश की। उन्होंने अपने दोस्तों, टीचर्स को टारगेट किया और आतंक का माहौल बना दिया। अंत में दोनों ने खुद को गोली मार ली। इस घटना ने “स्कूल शूटर” शब्द को जनचर्चा में ला दिया। दोनों लड़कों ने पहले से प्लानिंग की थी, इंटरनेट पर वीडियो बनाए थे, और हिंसा से जुड़े गेम्स और मैसेज में खोए रहते थे।
3. सैंडी हुक एलीमेंटरी स्कूल शूटिंग (2012)
तारीख: 14 दिसंबर 2012
जगह: न्यूटाउन, कनेक्टिकट
हमलावर: एडम लांज़ा (20 वर्षीय युवक)
मारे गए लोग: 26 (20 बच्चे और 6 स्टाफ)
एडम ने पहले अपनी मां को घर में गोली मारी, फिर स्कूल में घुसकर मासूम बच्चों को निशाना बनाया। उसके पास कई हाई-पावर हथियार थे। फायरिंग के बाद उसने खुद को भी गोली मार ली। इसमें शिकार बने अधिकतर 6-7 साल के बच्चे थे। यह घटना इतनी भावनात्मक रूप से झकझोर देने वाली थी कि पूरे देश में गन कंट्रोल को लेकर नई बहस छिड़ गई।
4. पार्कलैंड स्कूल शूटिंग (2018)
तारीख: 14 फरवरी 2018
जगह: मार्जोरी स्टोनमैन डगलस हाई स्कूल, फ्लोरिडा
हमलावर: निकोलस क्रूज़ (पूर्व छात्र)
मारे गए लोग: 17
घायल: 17
निकोलस को पहले डिसिप्लिन इश्यूज़ के कारण स्कूल से निकाला गया था। वह AR-15 राइफल लेकर स्कूल में घुसा और क्लासरूम में फायरिंग शुरू कर दी। उसके बारे में पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी लेकिन अफसरों ने नजरअंदाज कर दिया। यह घटना दिखाती है कि कैसे “रेड फ्लैग्स” को इग्नोर करना जानलेवा हो सकता है। इस केस के बाद कई स्टूडेंट्स ने “March for Our Lives” जैसे आंदोलनों की शुरुआत की।
5. यूल्वेडे टेक्सास स्कूल शूटिंग (2022)
तारीख: 24 मई 2022
जगह: रॉब एलीमेंटरी स्कूल, टेक्सास
हमलावर: सल्वाडोर रामोस (18 वर्षीय)
मारे गए लोग: 21 (19 बच्चे और 2 टीचर्स)
रामोस ने पहले अपनी दादी को गोली मारी, फिर स्कूल में घुसकर मासूम बच्चों पर हमला किया। पुलिस की देरी और असंवेदनशीलता की जमकर आलोचना हुई। ये घटना सिस्टम फेलियर का सबसे ताजा उदाहरण है। पुलिस के पास वक्त था लेकिन उन्होंने समय रहते ऐक्शन नहीं लिया।
हर केस में कुछ समान बातें हैं, हथियारों तक आसानी से पहुंच। हमलावर की मानसिक हालत पर समय रहते ध्यान न देना। सिस्टम की लापरवाही और सबसे बड़ी बात, संवेदनशील समाज की बेरुखी
इस mindset का खतरा ये है कि ये एक “कॉपीकैट सिंड्रोम” को जन्म देता है, जिसमें युवा सोचते हैं कि वो भी मीडिया में फेम पा सकते हैं इसी रास्ते से। ये हिंसा का glamorization नहीं, उसकी गंभीरता को समझने का वक़्त है।
जब तक इन मुद्दों पर गंभीरता से काम नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। समय आ गया है कि हम सिर्फ शोक मनाने के बजाय, वास्तविक बदलाव के लिए कदम उठाएं।