आज के समय में कोई भी खेल खेला जाता है तो उससे महिला तथा पुरुष दोनों खेलते हैं क्योंकि कोई भी खेल समाज में अपनी अच्छी छवि बनाने के लिए समाज के सभी तबकों को साथ में लेकर चलता है। इसी तर्ज़ पर आईसीसी ने वूमेन क्रिकेट पर बहुत ही बड़ा फैसला लिया है और यह फैसला है कि अब से किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में वूमेन क्रिकेट टीम को चैंपियनशिप जीतने पर पुरुष क्रिकेट टीम के बराबर ही प्राइज़मनी मिलेगी। खेल की दुनिया में लड़कियों और लड़कों के लिए पूर्ण समानता देखने से पहले अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है, लेकिन इसे हासिल करने की दिशा में कदम उठाना महत्वपूर्ण है। खेल मे लड़कियों को बाधाओं को पार करने और अपने सपनों को हासिल करने के लिए स्किल और आत्मविश्वास देते रहना होगा।
सबसे पहले BCCI ने करी थी पहल
क्रिकेट मे जेंडर डिस्क्रिमिनेशन खत्म करने की पहल सबसे पहले बीसीसीआई ने शुरू की एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने ट्वीट किया, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बीसीसीआई पक्षपात मिटाने की दिशा में पहला कदम उठा रहा है। हम अनुबंधित महिलाओं के लिये भी समान मैच फीस नीति लागू कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘भारतीय क्रिकेट में लैंगिक समानता के नये युग में हम महिला और पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देंगे।’ नई व्यवस्था के तहत बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों को भी अब टेस्ट (15 लाख रुपये), वनडे (छह लाख रुपये) और टी20 (तीन लाख रुपये) मैच के लिए समान फीस मिलेगी।