अगर विश्व क्रिकेटर्स मे सबसे अनलकी रहे खिलाडियों की लिस्ट बनाई जाए तो “पॉल वल्थाटी” का नाम लिस्ट मे जरूर आयेगा। अब उनको सबसे अनलकी में से एक क्रिकेटर क्यों कहा, ये बात आपको आगे समझ आ जाएगी। किसी भी खिलाड़ी को इंटरनेशनल मैच खेलने के लिए पहले घरेलू मैचों में कमाल करना पड़ता है। फिर भी कुछ ऐसे अनलकी खिलाड़ी हैं जो घरेलू क्रिकेट में कमाल करते रह गए लेकिन कभी भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।भारतीय क्रिकेट सर्किट दुनिया में सबसे लोकप्रिय सर्किट में से एक है। खेल दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए राष्ट्रीय टीम में जगह बनाना काफी मुश्किल है। इसके अलावा, आईपीएल दुनिया भर में इस खेल के विकास के लिए उत्प्रेरक का काम करता है। दुनिया भर में कई सुपरस्टार्स के दबदबे के साथ, टीम इंडिया एक पावरहाउस बन गई। विराट कोहली, एमएस धोनी , रवींद्र जड़ेजा और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी अपनी सफलता के तुरंत बाद घरेलू नाम बन गए। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर उनका दबदबा रहा। लेकिन, भारतीय क्रिकेट सर्किट में हर कोई भाग्यशाली नहीं है।
बहरहाल, पॉल वल्थाटी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ 52 गेंदों पर शतक जड़ने और 63 गेंदों पर 120 रन की पारी खेल रातों रात स्टार बन गए थे। IPL के 2011 सीजन में इस खिलाड़ी ने इस कदर धूम मचाई थी कि उसे टीम इंडिया का भविष्य का स्टार माना गया था। बैटिंग के अलावा मध्यम तेज गेंदबाजी से भी पॉल वल्थाटी कामयाबी के पर्याय बने थे।हालांकि ये बल्लेबाजी IPL 2011 वाली सफलता कभी दुहरा नहीं पाया और फिर क्रिकेट से अचानक गायब हो गया। पॉल का करियर लंबा माना जा रहा था, लेकिन वल्थाटी जल्द ही गुमनामी के अंधेरे में खो गए। लोगों ने भी जल्द ही उन्हें भुला दिया।
चोट ने खत्म किया करिअर
साल 2011 का IPL सीज़न वल्थाटी के लिए तगड़ा रहा। वल्थाटी ने 14 मैच में 137 की स्ट्राइक रेट से 463 रन बना डाले। जिसमें 1 शतक और दो अर्धशतक शामिल थे। इसके बाद उनका सेलेक्शन 2011 की चैलेंजर ट्रॉफी के लिए हो गया। लेकिन इस दौरान उनकी कलाई में चोट लग गई. ये चोट उनके करियर के लिए घातक साबित हुई. उन्होंने अपने करियर को बचाने के लिए तमाम कोशिशें की. यहां तक की उन्होंने इंडियन टीम के पूर्व फिजियोथेरेपिस्ट जॉन ग्लॉस्टर से इलाज कराया. उन्हें ऑपरेशन की सलाह मिली लेकिन उन्होंने इसके बजाय इंजेक्शन का सहारा लेना अधिक मुनासिब समझा।
नतीजा ये हुआ कि वल्थाटी के लिए IPL का अगला सीज़न भुला देने वाला साबित हुआ। 6 इनिंग्स में उनके बल्ले से केवल 30 रन ही निकले. हालात ये थे कि वो बल्ला भी ठीक से नहीं पकड़ पा रहे थे। और इससे भी बुरा तब हुआ जब इस सीजन के दौरान वो अपना घुटना चोटिल करवा बैठे. ऐसे में उन्होंने लंदन जाकर सर्जरी करवाई. हालांकि तब तक काफी देर हो चुकी थी। वल्थाटी को IPL 2013 में केवल एक मैच ही खेलने का मौका मिला। अब वे समझ गए थे कि कोई उनका इन्तेज़ार नही करेगा।