मध्यप्रदेश के स्कूलों में धार्मिक ग्रंथ पढ़ाए जाएंगे – शिवराज
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ऐलान किया की “सभी सरकारी स्कूलों में हिंदू धार्मिक ग्रंथों को पढ़ाया जाएगा”। उन्होंने कहा “बच्चों के लिए गीता, रामचरित्र मानस और महाभारत के प्रत्येक प्रसंग नैतिक शिक्षा और अध्यात्म की शिक्षा में सहायक होंगे”। साथ ही उन्होंने इन ग्रंथों या उन्हें लिखने वाले महापुरुषों का सम्मान नहीं करने वालों को चेतावनी भी दी, और कहा की “आपके इस व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा”।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से भाजपा के कुछ के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लोगों को रामचरितमानस नामक हिंदू धार्मिक पुस्तक के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी न करने की चेतावनी दि जा रही हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था की रामचरितमानस जैसी पुस्तकों पर “प्रतिबंध” लगाया जाना चाहिए, साथ ही उन्होंने पुस्तक के कुछ हिस्सों पर जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का “अपमान” करने का आरोप भी लगाया था।
ऐसी टिप्पणियों पर भोपाल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि “महाभारत, वेद, रामायण, उपनिषद, भगवद् गीता हमारे लिए अमूल्य पवित्र ग्रंथ हैं, हमारे मार्गदर्शक हैं। साथ ही यह ग्रंथ लोगों को नैतिक और पूर्ण बनाने की क्षमता रखते हैं। इसीलिए हमे भी अन्य विषयों के साथ सरकारी स्कूलों में इन धार्मिक पुस्तकों को पढ़ाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा ही “मैं तुलसीदास जी और अन्य महापुरुषों का नमन करता हूं, जो उन्होंने हमें रामायण जैसे ग्रंथ दिए, और उन्होंने चेतावनी दि की इन महापुरुषों का अपमान करने वाले लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा”। उन्होंने अपनी बात को विराम देते हुए कहा की “मध्यप्रदेश में हम इन पवित्र पुस्तकों को पढ़ाकर अपने बच्चों को नैतिक बनाएंगे और उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेंगे”। कार्यक्रम, ‘सुघोष दर्शन’, विद्या भारती द्वारा आयोजित किया गया था।