भारत की बेहतरीन धावक दुती चंद पर डोप टेस्ट में फेल होने के कारण चार साल का बैन लगा है। दुती दिसंबर में हुए टेस्ट में फेल पाई गई हैं और इसी कारण उन पर बैन लगया गया है। दुती की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। चंद का जन्म 3 फरवरी 1996 को उड़ीसा राज्य के जाजपुर जिले के, एक छोटे से गांव चाका गोपालपुर में हुआ था। इनके पिता चक्रधर चंद एक बुनकर थे। इनकी मां अखुजी चंद भी बुनकर का काम किया करती थी। इनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। और गांव वालों को यह अनुमान हो गया था। कि दुती बहुत आगे तक जाएगी। इनकी प्रारंभिक शिक्षा चौका गोपालपुर गांव के ही स्थानीय विद्यालय में हुई।
दुती के धावक बनने की प्रेरणा, उनकी बड़ी बहन सरस्वती चंद थी। सरस्वती चंद राज्य स्तर की एथेलीट रह चुकी हैं। मध्यम वर्गीय परिवार में, खेलों में जाने का एक बड़ा कारण होता है। अगर आप अच्छा खेलोगे। तो आपकी गवर्नमेंट जॉब लग जाएगी। दुती को पता था कि यही एक रास्ता है गरीबी से बाहर निकलने का। यह एक बड़ा कारण था। उनके एथेलीट बनने का। इन सब बातों से प्रेरित होकर, उन्होंने दौड़ना शुरू किया। दुती ने सरस्वती की सलाह पर, गांव में नदी के किनारे नंगे पर दौड़ लगाना शुरू किया। दुती ने पेशेवर तौर पर, पहला जूता गोल्ड स्टार कंपनी का पहना। उन्हें जूतों की आदत पड़ने में लगभग दो-तीन हफ्ते लगे थे।
दुती पहली बार 2012 में, तब निगाहों में आई। जब अंडर -18 नेशनल चैंपियनशिप में, 100 मीटर की दौड़ जीतने के साथ नया रिकॉर्ड बना डाला। इसके बाद धीरे धीरे उन्होंने नैशनल लेवल में जीत दर्ज की। 2012 में, उनका 100 मीटर में 11.85 सेकंड का था। जबकि 2013 में 11.73 सेकेंड का था। इससे यह साबित होता है। कि दुती चंद हर साल कितना इम्प्रूव कर रही थी। जून 2014 में, इन्होंने 200 मीटर की रेस में गोल्ड मेडल जीता। इसमें उनका समय 23.74 सेकंड था। 200 मीटर के साथ ही, इन्होंने 4×400 मीटर रिले रेस में भी गोल्ड मेडल प्राप्त किया।
हाइपरएंड्रोजेनिज़्म की वजह से पहली बार हुयी थी बैन
खिलाड़ी को ओलंपिक खेल से सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया। कि दुनिया को लगता था। वह महिला नहीं, बल्कि एक पुरुष है। उनकी अच्छी परफार्म होने के बावजूद भी। उस खिलाड़ी को यह कहकर ban कर दिया गया। कि वह एक लड़की के हिसाब से कुछ ज्यादा ही स्ट्रॉन्ग है। इसलिए वह लड़कियों के साथ गेम नहीं खेल सकती। इन्होंने अपने संघर्ष के बल पर एक ऐसा मुकाम हासिल किया। जो कि हकीकत, सच्चाई और जज्बे की मिसाल है। जिन्होंने जीवन की सच्चाई को स्वीकार कर, एक कीर्तिमान स्थापित किया।
पिछले साल टेस्ट मे पायी गई पॉजिटिव
नेशनल एंटी डोपिंस एजेंसी ने 5 और 26 दिसंबर को दुती चंद के सैंपल लिए थे. उनके पहले सैंपल में एंडाराइन, ऑस्ट्राइन और लिंगनड्रोल पाया गया है। वहीं दूसरे सैंपल में भी एंडाराइन और ऑस्ट्राइन मिला है। दुती के पास फैसला आने के 7 दिन के अंदर B सैंपल देने का मौका था। लेकिन उन्होंने कोई सैंपल नहीं दिया। ऐसे में NADA ने उन पर 4 साल का प्रतिबंध लगाया है।
दुती के वकील ने कहा ‘दुती देश का गौरव है’
गोस्वामी ने कहा-दुती भारत का गौरव हैं और एक साफ-सुथरी एथलीट हैं। उनका एक दशक से अधिक का शानदार करियर रहा है। वह अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सैकड़ों डोप परीक्षणों से गुजर चुकी हैं और अपने लंबे करियर में हमेशा बेदाग रही हैं।दुती और उनके वकील ने नाडा के डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल (एडीडीपी) के समक्ष यह भी दावा किया था कि यह “अनजाने में सेवन” का मामला था।