गणेश जी मुख्य देवी-देवताओं में से एक हैं। किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती है। इसलिए इन्हें प्रथम पूज्य देव भी कहा जाता है। भगवान गणेश जी पूजा करने से व्यक्ति के सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं। प्रति वर्ष भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गाजे बाजे के साथ घर-घर में गणपति जी की स्थापना शुरू हो जाती है। 19 सितंबर को देशभर में गणेश चतुर्थी के दिन से 10 दिन तक चलने वाले गणेश उत्सव की शुरुआत होने जा रही है।
गणेश चतुर्थी 2023 की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि मान्य होने के कारण इस साल गणेश चतुर्थी का पावन पर्व 19 सितंबर 2023, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन रवि योग का भी शुभ संयोग बन रहा है।
मिलती हैं कई कथाएं
गणेश उत्सव मनाने के पीछे कई कथाएं प्रचलित है। माना जाता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही गणेश जी का जन्म हुआ था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह उत्सव 10 दिनों तक ही क्यों चलता है। आइए जानते हैं इसका कारण। इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। वहीं दूसरी ओर 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाने के पीछे यह कथा मिलती है कि वेद-व्यास जी ने गणेश भगवान से महाभारत ग्रंथ लिखने की प्रार्थना की तो गणपति जी 10 दिनों तक बिना रुके महाभारत लिखते रहे। जब वेद-व्यास जी ने देखा तो पाया कि गणेश जी का तापमान बहुत बढ़ा हुआ है और 10वें दिन उन्हें नदी में स्नान करवाया। तभी से गणेश चतुर्थी की शुरुआत मानी जाती है।
कितने दिन में कर सकते हैं विसर्जन
गणेशोत्सव 10 दिनों तक मनाने की परंपरा है। अनंत चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। लेकिन आप चाहें तो एक दिन और डेढ़ दिन से लेकर तीन, पांच, सात या 10 दिनों तक के लिए बप्पा को घर ला सकते हैं। इसका भी उतना ही शुभ फल प्राप्त होता है जितना कि अनंत चतुर्थी के दिन बप्पा का विसर्जन करने से मिलता है।