पूर्व मंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान और उनकी पत्नी फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट से बड़ा झटका लगा। आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर कोर्ट ने दोषी ठराया है। इसके साथ ही एमपी-एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल में सुनवाई के आदेश पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया है। कोर्ट ने आजम खां, अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फात्मा को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाकर उपयोग करने के आरोप में दोषी करार करते हुए तीनों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है।
भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने की थी शिकायत
अब्दुल्ला ने 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से सपा के टिकट पर चुनाव जीता था। उनके विरोधी उम्मीदवार और बहुजन समाज के नेता नवाब काजिम अली खान ने अब्दुल्ला की कम उम्र को लेकर बात कही थी और हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसके बाद रामपुर से भाजपा के विधायक आकाश सक्सेना ने भी 2019 में गंज थाने में अब्दुल्ला के खिलाफ 2 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला दर्ज किया था, जिसमें आजम और फातिमा को भी आरोपी बताया गया।
अब्दुल्ला पर क्या हैं आरोप?
सही मार्कशीट में अनुसार अब्दुल्ला की जन्म तारीख 1, जनवरी 1993 है, जबकि जन्म प्रमाण पत्र में ये 30 सितंबर, 1990 बताई गई है। जिस तारीख के अनुसार अब्दुल्ला चुनाव लड़ने के लिए अपनी जरूरी आयु सीमा से छोटे थे। इसलिए अब्दुल्ला आजम ने अपने दो अलग-अलग फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाए जिसमे से पहला 28 जून 2012 को रामपुर नगर पालिका ने जारी किया, जहां रामपुर को अब्दुल्ला के जन्मस्थान के रूप में दिखाया गया है। और वहीं दूसरा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जनवरी 2015 में जारी किया गया, जिसमें लखनऊ को उनका जन्मस्थान बताया गया है। अब्दुल्ला आजम पर पहले जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने और विदेशी दौरे करने का आरोप है। वही दूसरे प्रमाण पत्र का भी गलत कामों में इस्तेमाल करने का आरोप है।