Delhi NCR में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने आज पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को फसल अवशेष जलाने पर “तत्काल रोकने” का निर्देश दिया हैं। जस्टिस संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दिल्ली साल-दर-साल इस स्थिति से नहीं जूझ सकती। पीठ ने पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, ‘हर बार राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती’। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौसम भी एक मुद्दा है, अगर मेट्रो न होती तो भगवान जाने क्या होता। हालांकि, प्वाइंट टू प्वाइंट कनेक्टिविटी अब भी एक मुद्दा है और लंदन में हर कोई अंडरग्रााउंड मेट्रो लेता है।
Odd-Even System पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की odd-even system पर भी सवाल उठाए। जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि आप पहले भी odd-even system ला चुके हैं। क्या यह सफल हुआ है? हमें ये सिर्फ ऑप्टिक लगता है। दिल्ली में दीवाली के बाद 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना लागू की जाएगी। इस योजना की अवधि बढ़ाने पर फैसला 20 नवंबर के बाद लिया जाएगा।
जस्टिस कौल ने दिल्ली सरकार से कहा कि अगर कुछ समस्या है, तो उसपर आपको ध्यान देना होगा। याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि खेतों में लगने वाली ये आग दिल्ली में पर्यावरण का संतुलन बिगाड़ देती है। जस्टिस कौल ने पंजाब सरकार से कहा कि आपको ये आग रोकनी होगी। आपके प्रशासन को ऐसा करना ही होगा, स्थानीय SHO को इसकी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
आज से ही उन्हें इस पर काम करना शुरू कर देना चाहिए। हम सिर्फ इसी उम्मीद में नहीं रह सकते कि मौसम में सुधार होगा, पंजाब में धान की फसल को फेज वाइज बाहर किया जाए। केंद्र सरकार इसमें वैकल्पिक फसल के लिए मदद करे, आदेश पारित करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि पराली जलाने और दमघोंटू धुएं की ये समस्या हाल के वर्षों की है, जब से पंजाब हरियाणा जैसे उत्तर पश्चिमी राज्यों में धान की फसल शुरू हुई है, पहले ऐसा नहीं था। हवा और भू-जल को स्थिति प्रभावित हुई है। दिल्ली की भौगोलिक स्थिति और मौसम की स्थिति भी ऐसी है कि यहां सबसे बुरा असर दिखता है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली के सीएम ने कहा है कि एक सॉल्यूशन विकसित किया गया है, जिसके छिड़काव से पराली खाद में बदल जाती है, पंजाब सरकार ने इसका उपयोग कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने में रोक
सुप्रीम कोर्ट की पंजाब को चेतावनी दी कि कुछ भी करें, पराली जलाने की घटनाएं रोकें। राजनीतिक दोषारोपण का खेल बंद हो, नीतियां इस पर निर्भर नहीं हो सकतीं कि कौन-सी पार्टी किस राज्य में शासन कर रही है। दिल्ली और पंजाब में एक ही पार्टी की सरकार है। सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि पराली जलाने की घटना बंद हों, यहां हर कोई एक्सपर्ट है, लेकिन समाधान किसी के पास नहीं है। समस्या धान की फसल के समय को लेकर है, साथ ही इसका असर भूजल स्तर पर भी पड़ता है कुछ तो किया जाना चाहिए, धान से ज्यादा लोगों की जिदंगी जरूरी है। जब समस्या आती है, तो हम कदम उठाते हैं, फिर अगले साल वही हालात हो जाते हैं।