साउथ अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया। टेस्ट सीरीज के लिए अनुभवी बल्लेबाजों अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा को टीम में जगह नहीं मिली है। उधर मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को वनडे टीम में शामिल नहीं किया गया है। टीम में युवा रुतुराज गायकवाड़ और यशस्वी जयसवाल को शामिल किया गया है, जबकि अधिकांश अन्य प्रमुख खिलाड़ियों ने स्थान बरकरार रखा है।
BCCI जिस तरह से टीम के सेलेक्शन को लेकर आगे बढ़ती दिख रही है, उससे लग रहा है कि वो युवा चेहरों पर भरोसा कर रही है। BCCI का सेलेक्शन प्रोसेस इस ओर भी इशारा करता है कि वो टेस्ट साइकल के इस संस्करण में भविष्य को लेकर कुछ बड़े बदलाव करना चाहती है।
अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा टेस्ट में लंबे समय से भारत के लिये टेस्ट के गो टू प्लेयर रहे हैं। सबसे लंबे प्रारूप में 85 मैचों में अजिंक्य रहाणे के नाम 38.46 की औसत से 5077 रन हैं। उन्होंने आखिरी टेस्ट मैच जुलाई में वेस्टइंडीज में खेला था। चेतेश्वर पुजारा ने अब तक 103 टेस्ट खेले हैं और 43.60 की औसत से 7195 रन बनाए हैं। उन्होंने आखिरी टेस्ट जून में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। लेकिन उम्र और खराब फॉर्म के चलते शायद अब समय आ गया है कि नये युवाओं को मौका दिया जाये।
रहाणे और पुजारा को टीम में न चुने जाने के सवाल पर गांगुली ने कहा,
“एक समय आता है जब आपको नए टैलेंट के साथ खेलना पड़ता है। भारत में काफी टैलेंट है, और टीम को आगे बढ़ना होता है। पुजारा और रहाणे ने भारत को जबरदस्त सफलता दिलाई है। पर खेल हमेशा आपके साथ नहीं रहता। आप टीम में हमेशा के लिए नहीं रह सकते। ये हर खिलाड़ी के साथ होता है। दोनों ने भारतीय क्रिकेट के लिए जो किया मैं उसके लिए उनको धन्यवाद देता हूं। सेलेक्टर्स अब नए चेहरों की तलाश में हैं।”
टेस्ट टीम में युवाओं को मौका दिए जाने के बावजूद भी सवाल यही है कि क्या पुजारा और रहाणे का टेस्ट करियर खत्म माना जाए, या दोनों को अभी भी टीम में वापसी की कुछ उम्मीद रखनी चाहिए। इसका जवाब तो आने वाले समय में साफ हो जाएगा।