चंडीगढ़ मेयर चुनाव के कुछ दिन बाद ही चुनाव पीठासीन अधिकारी ‘अनिल मसीह’ का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसके बाद SC ने बयान दिया है कि, ‘इस तरह लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे’।
क्या है मामला?
हाल ही में चंडीगढ़ मेयर चुनाव हुए थे। जिसमे बीजेपी उम्मीदवार मनोज सोनकर 16 वोटों से जीते, जबकि आप के कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले। लेकिन, कांग्रेस-आप गठबंधन के लिए डाले गए 8 वोट अवैध घोषित कर दिए गए थे। जिसके बाद प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे है। इसमें आप और कांग्रेस का आरोप है कि, पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने जानबूझकर 8 अवैध वोटों को चिह्नित किया, जिससे परिणाम भाजपा के पक्ष में आया। एक वीडियो फुटेज सामने आया है, जिसमें मसीह को मतपत्रों पर लिखते हुए दिखाया गया है, जिससे सभी का संदेह और भी बढ़ गया है। आप ने चुनाव को अवैध घोषित करने और स्वतंत्र निगरानी में दोबारा मतदान कराने की मांग की है।
वहीं इसमें भाजपा का तर्क है कि, अवैध वोट तकनीकी कारणों से खारिज किये गये, किसी हेराफेरी के कारण नहीं।
इसमें SC का कहना है कि…..
इसमें मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने इस घटना को ”लोकतंत्र की हत्या” बताया और कहा कि वीडियो स्पष्ट रूप से मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ को दिखाता हैं। अदालत ने सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है और मसीह को अपने हरकत पर सफाई देने के लिए कहा गया है।
केस की वर्तमान स्थिति
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा नोटिस लेते हुए कहा है कि, “यह स्पष्ट है कि मसीह ने मतपत्रों को तोड़ा-मरोड़ा कर दिया है” और उसके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है। अदालत ने आगे की जांच के लिए मतपत्रों और वीडियो रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। आप ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दर्ज की है, जिसमें चुनाव को अमान्य करने और न्यायिक निगरानी में नये सिरे से चुनाव कराने की मांग की है।