महाराष्ट्र के बुलढाणा में एक धार्मिक कार्यक्रम में प्रसाद खाने के बाद लगभग 200 लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए थे। जिसके बाद उन्हे तुरंत अस्पताल लेजाया गया। जहां अस्पताल में सुविधा नहीं मिलने पर मरीजों का सड़क पर लेटा कर इलाज किया गया था। वहीं, पेड़ के सहारे रस्सियों से सलाइन की बोतलें लटकाई गई थी। जिसकी तस्वीरें सामने आने के बाद पूरे स्वास्थ्य विभाग में हंगामा मच गया है।
बुलढाणा जिले की लोनार तहसील के सोमठाना गांव में बने विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। 14 फरवरी से प्रारंभ हुए धार्मिक कार्यक्रम के सातवें दिन यानि 21 फरवरी को एकादशी के मौके पर रात करीब 10 बजे प्रसाद का वितरण किया गया था। सोमठाना और खापरखेड़ गांव के लोगों ने एकादशी का प्रसाद खाया जिसके बाद करीब 200 लोगों पॉइजनिंग के शिकार हो गए।प्रसाद खाने के बाद उन्हें पेट दर्द, मतली और उल्टी होने लगी।
बुलढाणा के जिला कलेक्टर पाटिल ने कहा है कि, सभी मरीजों की हालत अभी ठीक है और उनमें से ज्यादा लोगों को छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि प्रसाद के नमूने विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद आगे की जांच शुरू की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार इस घटना में 30 मरीजों की हालत अभी भी गंभीर है।
इस घटना को लेकर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि, सड़क पर जिन लोगों का इलाज किया जा रहा था, उस दौरान उनके परिजन भी वहीं मौजूद थे। मरीजों के परिजनों ने मिडिया से बातचीत में कहा है कि, अस्पताल में डॉक्टर तक उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में प्राइवेट डॉक्टर को इलाज के लिए बुलाना पड़ा।