माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत हो गई। अंसारी के शव को एंबुलेंस के जरिए बांदा से गाजीपुर ले जाया जाएगा। अंसारी की मौत की सूचना के बाद से मऊ पुलिस ने तुरंत संवेदनशील इलाकों में जवानों को तैनात कर दिया है। माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार ने आरोप लगाया है कि बांदा जेल में दोपहर के खाने में जहर दिया गया। शासन प्रशासन उसकी हत्या कराना चाहता था। जिसके बाद अब मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। हालांकि ये पहला मौका नही जब किसी क्रिमिनल की मौत पर सवाल खड़े हुये हों बल्कि बीते सात सालों मे ही कई मौतों पर प्रश्नचिह्न लगते रहें हैं। पुलिस कस्टडी में, कोर्ट- अस्पताल ले जाते समय, एनकाउंटर में, जेल के अंदर गैंगवार के दौरान कई गैंगस्टर मारे जा चुके हैं। पिछले सात सालों में यूपी में हुई ऐसी कुछ घटनाओं पर नजर डालते हैं।
पहली घटना – 9 जुलाई 2018
बागपत जेल में बंद मुन्ना बजरंगी की गोली मारकार हत्या की गई थी। वो मुख्तार गैंग का ही शॉर्प शूटर माना जाता था। आरोप लगे कि मुन्ना बजरंगी की हत्या UP के ही एक डॉन सुनील राठी ने की थी। इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन पर कई सवाल उठाये गये।
दूसरी घटना – 10 जुलाई 2020
UP पुलिस ने एक विवादित एनकाउंटर में गैंगस्टर विकास दुबे को मार दिया था। विकास को पुलिस उज्जैन से कानपुर ला रही थी। पुलिस के मुताबिक इसी दौरान गाड़ी पलटी और विकास भागने की कोशिश करने लगा। UP पुलिस ने तब बताया था कि भागते हुए विकास ने एक पुलिसवाले की पिस्तौल छीनकर फायरिंग शुरु कर दी। जवाबी फायरिंग में विकास की मौत हो गई। इस एनकाउंटर के बाद यूपी पुलिस और सरकार पर कई सवाल खड़े हुये।
तीसरी घटना – 30 सितंबर 2022
जौनपुर में गैंगस्टर विनोद कुमार सिंह के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई। बदलापुर थाना क्षेत्र में जौनपुर पुलिस और विनोद के बीच फायरिंग हुई थी। विनोद की मौत हो गई जिस पर कई सवाल खड़े हुये।
चौथी घटना – 15 अप्रैल 2023
उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज कॉल्विन अस्पताल से लाया जा रहा था। उसी दौरान पुलिस कस्टडी में दोनों की हत्या कर दी गई। दोनों को सरेआम टीवी कैमरों के सामने गोली मारी गई थी। दोनों की हत्या के दो दिन पहले 13 अप्रैल को एक एनकाउंटर में अतीक अहमद का बेटा असद और उसके शूटर मोहम्मद गुलाम भी मारे गए थे। इस घटना से भी UP पुलिस और सरकार पर कई सवाल उठे थे।
पांचवी घटना – 7 जून 2023
जेल में बंद गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा को लखनऊ अदालत मे पेश किया जाना था। उसे अदालत परिसर मे ले जाने के दौरान में गोली मार दी गई थी। माहेश्वरी पर ब्रह्म दत्त द्विवेदी और कृष्ण नंद राय, जो कि बीजेपी के नेता थे। माहेश्वरी पर उनकी हत्या समेत कई केस दर्ज थे। वो मुख्तार अंसारी का सहयोगी था।
छठवीं घटना – 12 जुलाई 2023
संजीव माहेश्वरी जीवा की ही तरह गैंगस्टर कुलदीप जघीना की भी हत्या उसी समय हुयी जब उसे भरतपुर कोर्ट ले जाया जा रहा था। बदमाशों ने जघीना और उसके साथी पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं थी। जघीना पर भी bjp नेता की हत्या का केस दर्ज था।
इन सभी आरोपियों के उपर अनगिनत केस चल रहे थे। सभी ने लोगों पर अपना आतंक फैला रखा था। लेकिन सभी की मौत के बाद इनके नामों पर राजनीति की गई और सभी की मौत को ‘सुनियोजित हत्या’ कहते हुए। पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठाये गये।