देशभर में कल से लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान शुरू हो चुके है। लेकिन देखा जाए तो नागालैंड के 6 जिलों में 0% मतदान हुआ है। दरअसल यहां एक अलग राज्य की मांग के लिए जनजातीय संगठनों की शीर्ष संस्था Eastern Nagaland People’s Organization द्वारा पूर्वी नागालैंड बंद का ऐलान किया गया था। जिसकी वजह से यहां के मतदान बूथ खाली पड़े रहे। 9 घंटो तक चुनावकर्मी वोटर्स का इंतजार करते रहे, लेकिन क्षेत्र के विधायक सहित 4 लाख मतदाताओं में से एक भी व्यक्ति वोट देने नहीं पहुंचा।
लंबे समय से चल रही है अलग राज्य करने की मांग
आपको बता दे कि, पूर्वी नागालैंड के 6 जिलों के लिए स्वायत्तता की लंबे समय से मांग चली आ रही है। पिछले साल फरवरी में हुए नागालैंड विधानसभा चुनावों से पहले भी यहां हिंसा भड़क उठी थी। अगस्त 2022 की शुरुआत में, ENPO ने अलग राज्य की मांग पूरी नहीं होने तक विधानसभा चुनावों में भाग नहीं लेने का प्रस्ताव पारित किया था।
लोगों की आवाजाही पर थी रोक
नागालैंड में लोकसभा चुनाव शुरू होने से कुछ घंटे पहले, ‘ENPO’ ने बुधवार शाम 6 बजे से राज्य के कुछ हिस्से में अनिश्चितकालीन पूर्ण बंद घोषित कर दिया था। संगठन ने यह भी कहा था कि, यदि कोई व्यक्ति मतदान करने जाता है और कानून-व्यवस्था की कोई स्थिति उत्पन्न होती है, तो इसकी जिम्मेदारी मतदाता की होगी। पूर्वी नगालैंड की प्रमुख सड़कों पर शुक्रवार को लोगों और वाहनों की आवाजाही पर भी रोक लगाई गई थी।
पूर्वी नागालैंड के 6 जिलों में 4,00,632 मतदाता हैं
नागालैंड के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आवा लोरिंग ने बताया कि, 20 विधानसभा क्षेत्रों वाले इस क्षेत्र के 738 मतदान केंद्रों पर चुनावकर्मी सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मौजूद रहे। इन 9 घंटों में कोई भी व्यक्ति वोट डालने नहीं आया। यहां तक कि 20 विधायकों ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। नगालैंड के 13.25 लाख मतदाताओं में से पूर्वी नगालैंड के 6 जिलों में 4,00,632 मतदाता हैं।
इन जगहों पर नहीं हुई वोटिंग
वोटर्स टर्नाउट पर साझा किए गए वोटिंग प्रतिशत के अनुसार सिर्फ मोन, नोकलाक, किफिरे, शामातोर आदि जिलों में वोटिंग नहीं की गई है। चुनाव अधिकारी ने बयान जारी कर कहा कि, इस संगठन ने आम चुनाव में मतदान करने के लिए पूर्वी नागालैंड के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को गलत तरीके से प्रभावित करके उनेक वोटिंग के अधिकार में हस्तक्षेप किया है।