लखनऊ में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग FSDA और STF ने अवैध इंजेक्शन बरामद किए हैं। FSDA के सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार ने बताया कि, बीते कुछ दिनों से अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन सप्लाई की शिकायत मिल रही थी। जिसके बाद से पुलिस अधिकारी इस मामले की छान बीन में लगे हुए थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की STF टीम ने लखनऊ में दो ऐसे युवकों को गिरफ्तार किया है जो, ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तस्करी कर रहे थे। पुलिस के अनुसार आरोपी बिहार से इंजेक्शन लाकर आस-पास के इलाकों में सप्लाई करने वाले थे।
ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल कैसे होता है?
इस ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल पशुओं से ज्यादा दूध निकालने और फल-सब्जियों को कम समय मे पकाने के लिए किया जाता है। पुलिस को पता चला था कि, कुछ गिरोह इस काम में लगे हुए हैं और वे जो इंजेक्शन सप्लाई करते हैं। उनमें फिनाइल का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।
4 सैंपल भेजे गए है जांच के लिए
पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि, बुद्धेश्वर स्थित मायापुरम के सामने प्लॉट के अन्दर बने कमरे में और भी इंजेक्शन रखे हैं। जिसके बाद टीम बताए पते पर पहुंची। वहां कमरे में भारी मात्रा में अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के कुल 30 बड़े बॉक्स और 6 बोरी में इंजेक्शन बरामद किए हैं। यहां कुल 267000 एम्पुल दवाएं मिली हैं। साथ ही 30 ML के 12627 वायल भी बरामद हुए हैं। इसके अलावा 100 ML के 1260 वायल भी पकड़े गए हैं। सभी अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन को सीज किया गया हैं। साथ ही मौके पर 4 अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
लखनऊ और हरदोई के रहने वाले हैं दोनों आरोपी
सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार ने बताया कि, अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का कुल मूल्य लगभग 1 करोड़ 38 लाख रुपए है। यह खेप बिहार से यूपी लाई जा रही थी। पुलिस ने इस मामले में जिन 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान लखनऊ निवासी अनमोल पाल और हरदोई निवासी दिनेश कुमार के रूप में हुई है। फिलहाल इस मामले में अभियुक्त अनमोल पाल एवं दिनेश पाल के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी गई है।