गुजरात विधानसभा में “एंटी ब्लैक मैजिक बिल” पास हो चुका है। जिसके बाद पुलिस अब मानव बलि, काला जादू कर रहे लोगों पर कड़ी कार्रवाई कर सकेंगी। प्रदेश में काले जादू, मानव बलि और बढ़ते अंधविश्वास को लेकर गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस बिल को विधानसभा में पेश किया था। अब इस बिल को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। यह बिल करीब 64 साल बाद सर्वसम्मति से पास किया गया है। दरअसल, हमारे देश में पिछले कुछ सालों में राज्य भर से नरबलि और तंत्र-मंत्र से जुड़े आपराधिक मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
कुछ लोग ओझा, अघोरी और बाबा का फर्जी रूप धारण कर के लोगों को धोखा दे रहे हैं। वे न केवल आम लोगों को लूट रहे हैं, बल्कि अपनी सनक पूरी करने के लिए कई लोगों को बलि के नाम पर मरवा भी देते है। ऐसी घटनाओं पर तभी रोक लग सकती है, जब सरकार इस बारे में कोई कठोर कानून लागू करे।
क्या है सजा का प्रावधान
इस बिल के पास होने के बाद पुलिस सीधा अपराधी को गिरफ्तार कर सकती है। अनुच्छेद-3 में इस कानून का उल्लंघन करने वालों को 6 महीने से लेकर 7 साल तक की जेल और 5 हजार से लेकर 50 हजार तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही, अगर कोई व्यक्ति इस तरह के अपराध में उकसाने में या किसी तरह से अपराधी की सहायता करता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसे भी अपराधी माना जाएगा और उसके लिए भी यही सजा होंगी।
किस तरह के मामले शामिल है अपराध में ?
- इस कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी को रस्सी या जंजीर से बांधकर, छड़ी या कोड़े से पीटकर, मिर्च का धुआं करके या शरीर पर गर्म वस्तुएं डालकर या शराब पिलाकर भूत, चुड़ैल या बुरी आत्मा को शरीर से बाहर निकालने का दावा करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- इस बिल में दैवीय शक्ति की कृपा पाने या कीमती चीज, खजाना प्राप्त करने के इरादे से क्रूर कृत्य, काला जादू या अमानवीय कृत्य करके किसी के जीवन को खतरे में डालना या गंभीर रूप से घायल करता है, तो भी कार्यवाही की जाएगी।
- तंत्र-मंत्र की विद्या से धन का लाभ देने का लालच देना।
- कुत्ते, सांप या बिच्छू के काटने या अन्य कोई बीमारी होने पर व्यक्ति को इलाज कराने से रोकना और धागे, तंत्र मंत्र से इलाज करने का दावा करना शामिल हैं।
- उंगलियों के जरिए सर्जरी करने का दावा करना, या किसी महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण का लिंग बदलने का दावा करना।
- किसी अलौकिक शक्ति द्वारा मातृत्व का आश्वासन देकर गर्भधारण करने में, असमर्थ महिला के साथ यौन संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है।
वैसे तो देशभर में काला-जादू और जादू टोने-टोटके जैसी चीजें करना एकदम अमान्य है, लेकिन इसके बाबजूद देश के कई हिस्सों में आज भी तंत्र-मंत्र जैसी गतिविधियाँ की जाती हैं। हालांकि, कई लोग हैं जो इन सब चीजों पर विश्ववास करते हैं और छुप-छुपाकर टोने-टोटके करते हैं। आज हम भारत की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जो काला जादू करने के लिए जानी जाती हैं।
उड़ीसा की कुशाभद्रा नदी
उड़ीसा की कुशाभद्रा नदी इस के आसपास और नदी के नीचे आपको कई हड्डियां और खोपड़ियां देखने को मिल जाएंगी। ये एक ऐसी जगह है, जहां काला जादू का अभ्यास सबसे अधिक होता है।
असम का मायोंग गांव
असम का मायोंग गांव सदियों से काला जादू के लिए काफी मशहूर है। इस गांव में आने पर मुगलों और अंग्रेजों को भी काफी डर लगा करता था। मायोंग गांव में काले जादू से जुड़ी कई कहानियां भी हैं। इस गांव में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा, जिसे काला जादू न आता हो, बल्कि बच्चे-बच्चे तक इस टोने-टोटके जैसी चीजों को जानते हैं। गांव के लोगों का मानना है कि, उन्हें काले जादू की शक्ति वरदान के रूप में मिली है।
कोलकाता का निमतला घाट
कोलकाता का निमतला घाट अपने काला जादू के लिए काफी मशहूर है। यहां पूरी तरह से सुनसान होने के बाद, आधी रात को अघोरी निमतला घाट पर आते हैं और घाट पर जलाए गए अवशेषों को खाते हैं। साथ ही सुबह होने से पहले वो यहां बैठकर कुछ देर साधना भी करते हैं।
आज की तारीख में जादू-टोना और काला जादू करना या कराना मामूली हो गया है, लेकिन यह एक गंभीर अपराध है। कई राज्यों में भी जादू-टोना प्रतिषेध अधिनियम लागू किया गया है, जिसके तहत इस तरह के अपराधों के लिए दंड और गिरफ्तारी का प्रावधान है। अगर कोई व्यक्ति काला जादू करता है या कराता है, तो उसके खिलाफ पुलिस मामला दर्ज कर सकती है और अदालत में मामला चलाया जा सकता है। असम राज्य में भी जादू-टोना प्रतिषेध अधिनियम लागू है। अगर आपको लगता है कि, कोई व्यक्ति काला जादू कर रहा है या करा रहा है, तो आप पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।