ध्यान और प्रेम जैसे विषयों पर अपनी शिक्षा देने वाले और आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में पहचाने जाने वाले ओशो देश के साथ-साथ विदेश में भी मशहूर हैं। ओशो को “भगवान श्री रजनीश” के नाम का भी दर्जा दिया गया है। हालांकि, ओशो एक विवादास्पद व्यक्ति भी हैं जो हमेशा अपनी विचारधारा से जुड़े विवादों के इर्द-गिर्द रहते हैं। ओशो और उनके आश्रम पर पहले भी कई यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज हो चुके हैं। ऐसे में एक और ब्रिटिश महिला ने ओशो पर संगीन आरोप लगाए हैं। महिला ने एक इंटरव्यू के दौरान, ओशो पंथ में मासूम लड़कियों द्वारा अनुभव किए गए यौन उत्पीड़न से जुड़ी चौंकाने वाली कई जानकारी का खुलासा किया हैं।
जानकारी का खुलासा करने वाली महिला का नाम प्रेम सरगम है, जो 54 वर्ष की है और इंग्लैंड में रहती हैं। सरगम ने ओशो पंथ पर आरोप लगाते हुए बताया कि, वह मात्र छह वर्ष की थी जब उन्होंने ओशो पंथ में होने वाली हैवानियत देखी और सही थी। जब वह छह वर्ष की थी, तब उनके पिता ने पूरी तरह से संन्यासी जीवन ले लिया था। जिसके बाद उनका परिवार इंग्लैंड में अपना घर बार छोड़, पुणे में ओशो पंथ के आश्रम में शामिल हो गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाए हैं कि, पंथ में शामिल होते ही उन्हें अपना नाम बदलने और नारंगी कपड़े पहनने के लिए मजबूर किया गया था।
साथ ही, उन्हें ऐसी फिलोसॉफी अपनाने के लिए मजबूर किया गया, जिसमें बच्चों को माता-पिता की स्वतंत्रता में बाधा के रूप में देखा जाता था। सरगम ने ये भी आरोप लगाया है कि, इसी फिलोसॉफी की वजह से पंथ में बच्चों के साथ होने वाला यौन शोषण बहुत ही सामान्य बन चुका था। पंथ में बच्चों को सेक्सुअल एक्टिविटी से परिचित कराना अच्छा माना जाता था।
सरगम ने बताया कि, वह 7 साल की थी जब उनके साथ शोषण शुरू हुआ था और 12 साल की उम्र तक उनके साथ रेप तक होने लगा था। उन्होंने बताया कि, सात साल की छोटी सी उम्र में भी उन्हें महसूस हो गया था कि, उनके साथ कुछ गलत हो रहा है। सरगम इन 5 सालों में तीन अलग-अलग आश्रम में रही थी और सभी आश्रमों में उनके साथ ये ही हुआ था। इसके बाद 12 साल की उम्र में उन्हें अमेरिका भेज दिया गया था, जहाँ वो अपनी माँ के साथ ओरेगन के एक आश्रम में रहने लगी थी। सरगम ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि, जब वह 16 वर्ष की हुई तब उन्हें समझ में आया की उनके साथ क्या हुआ था।
ओशो पंथ 1970 के दशक में स्थापित हुआ था, जो पश्चिमी लोगों को आकर्षित किया करता था। हालांकि, इस पंथ में सैकड़ों बच्चों के साथ शोषण और दुर्व्यवहार हुआ था। इसके बावजूद पंथ में हुए शोषण पर बहुत कम कार्यवाई हुई हैं। सिर्फ ओशो की निजी सचिव, आनंद शीला को ही गिरफ्तार किया गया और 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई। दुनिया भर में अभी भी ओशो के कई भक्त है। पंथ की असल घटनाओं को उजाकर करने के लिए, मारोएस्जा पेरिज़ोनियस की एक डॉक्यूमेंट्री अक्टूबर माह में आ रही है। इस डॉक्यूमेंट्री में सरगम ने अपना अनुभव साझा किया है।
डॉक्यूमेंट्री “चिल्ड्रन ऑफ द कल्ट” में सरगम के साथ दो अन्य ब्रिटिश महिलाओं की भी कहानी बताई गई हैं, जो पंथ में रहा करती थी। डॉक्यूमेंट्री के इंटरव्यू के दौरान सरगम ने कहा कि, वह चाहती है कि दुनिया को पता चले कि पंथ में उनके और अन्य अनगिनत लोगों के साथ क्या होते आया है।