डाइनामाइट को तैयार करने में अल्फ्रेड नोबेल ने काफी रिसर्च और मेहनत की थी। अपने पिता के कारखाने में वे इसका उत्पादन करते थे। इस कारखाने में अनेक लोगों के साथ उनके भाई भी कम करते थे। तीन सितंबर, 1864 को इस कारखाने में डाइनामाइट से भयंकर विस्फोट हुआ और पूरा कारखाना तबाह हो गया। इस हादसे में कई श्रमिकों के साथ साथ उनके भाई की भी मृत्यु हो गई।नोबेल को अपने भाई से बेहद लगाव था। अनेक लोगों के साथ-साथ, भाई की मृत्यु ने उन्हें बुरी तरह झकझोर कर रख दिया। एक दिन उन्होंने अपनी पीड़ा अपने एक मित्र से कहा, ‘काश मैं विध्वंस के साधन की जगह किसी रोग या महामारी से बचाने वाले जीवनरक्षक साधन के आविष्कार की पहल करता तो ज्यादा अच्छा रहता। ऐसे में मेरे भाई के साथ-साथ अनगिनत निर्दोष लोग भी असमय ही मौत का शिकार नहीं बनते।’ वह कारखाने में हुई मौतों का दोषी स्वयं को ही समझने लगे थे। वे पश्चाताप की आग में जलते रहे। इसी तरह ऐसे कयी आविष्कार हुए जिन्हें बनाकर खुद साइंटिस्ट पछताए।
1.परमाणु बम
जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के नेतृत्व में परमाणु बम बनाया गया. हिरोशिमा और नागासाकी में तबाही के बाद उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है, जैसे मेरे हाथ पर खून लगा हुआ है।
2.आइंस्टीन का फॉर्मूला
अल्बर्ट आइंस्टीन के प्रसिद्ध E = mc2 फॉर्मूले के जरिए ही परमाणु बम बनाया गया। उन्होंने बम से मची तबाही के बाद फॉर्मूले को लेकर पछतावा जताया था।
3.एक-47 राइफल
AK-47 राइफल को सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है। मिखाइल क्लाशनिकोव ने AK-47 राइफल को बनाने के बाद कहा कि उन्हें इस हथियार के बजाय किसानों के लिए कोई मशीन बनानी चाहिए थी।
4.आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
AI को बनाने वाले जेफ्री हिंटन को ‘AI का गॉडफादर’ कहा जाता है। AI के जरिए हो रहे नुकसान को देखते हुए उन्होंने अपने इस आविष्कार पर दुख जताया।
- टेलीविजन
फिलियो फार्न्सवार्थ ने टीवी का आविष्कार सिखाने वाले टूल के तौर पर किया. मगर मरते वक्त उन्होंने कहा था कि उन्हें लगता है कि टीवी की वजह से लोग वक्त बर्बादि कर रहे हैं। और आगे चलकर इसके द्वारा लोगों को मैनिपुलेट किया जा सकता है।