एशिया कप 2025 को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत इस टूर्नामेंट से हट सकता है। अगर ऐसा होता है, तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को लगभग ₹165 से ₹220 करोड़ तक का आर्थिक नुकसान हो सकता है। यह नुकसान मुख्य रूप से भारत की उपस्थिति से जुड़ी broadcasting, sponsorship, ad revenue और business deals की के कारण होगा।
भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट मैच सिर्फ 22 गज की पिच पर नहीं होता बल्कि यह एक विशाल मार्केटिंग इकोसिस्टम है जिसमें अरबों की कमाई होती है। चाहे एशिया कप हो, टी-20 वर्ल्ड कप या वनडे वर्ल्ड कप, जब भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होते हैं, तो प्रसारण अधिकारों की बोली सबसे ऊंची लगती है।
भारत न केवल क्रिकेट खेलने वाला सबसे बड़ा देश है, बल्कि सबसे ज्यादा दर्शक और business market में से एक भी है। विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा revenue भारत से ही आता है। ICC और ACC जैसे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में जब भारत हिस्सा लेता है, तो उस टूर्नामेंट की brand value कई गुना बढ़ जाती है।
अनुमान के अनुसार, एक भारत-पाकिस्तान मैच के लिए टीवी व्यूअरशिप 30–40 करोड़ तक पहुंचती है। स्पॉन्सरशिप और ब्रॉडकास्टिंग डील्स की वैल्यू भी भारत की वजह से अधिक होती है।साथ ही, PCB को ICC हर cycle में भारत की वजह से करीब ₹165–₹220 करोड़ की हिस्सेदारी मिलती है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की आय का बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों से मिलने वाले हिस्से पर आधारित है। घरेलू लीग (PSL) और bialteral series से होने वाली income उसके मुकाबले बहुत कम है। ऐसे में भारत जैसे बड़े देश की गैरमौजूदगी टूर्नामेंट की ब्रांड वैल्यू को कम कर सकती है, जिससे PCB की कुल revenue पर असर पड़ सकता है।
2023 में भी एशिया कप की मेजबानी पाकिस्तान के पास थी, लेकिन टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में आयोजित किया गया था। भारत के मैच श्रीलंका में हुए, और बाकी मैच पाकिस्तान में। उस मॉडल से PCB को सीमित फायदा हुआ, और कई निवेशकों ने फुल-स्केल टूर्नामेंट जैसा रिटर्न नहीं दिया।
भारत के मैचों की वजह से टेलिविजन नेटवर्क और OTT प्लेटफॉर्म्स बड़ी रकम निवेश करते हैं। अगर भारत नहीं खेलता, तो ads में कमी आ सकती हैं और presenters का interest भी कम हो सकता है।
अनुमान के मुताबिक एक भारत-पाकिस्तान मैच में 10–12 मिनट के विज्ञापनों की बिक्री से करोड़ों की आमदनी होती है। भारत के मैचों के दौरान CPM (cost per mille) रेट 4x तक बढ़ जाता है, जिससे PCB को भी हिस्सेदारी मिलती है।
भारत की अनुपस्थिति केवल एक टीम के न खेलने का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे टूर्नामेंट के आर्थिक मॉडल को प्रभावित कर सकता है। PCB के लिए यह एक बड़ी चुनौती है।
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध लगातार तनावपूर्ण रहे हैं, और इसका असर क्रिकेट पर साफ़ दिखता है। 2008 के मुंबई हमलों के बाद से भारत ने पाकिस्तान से द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज खेलना बंद कर दिया है।
अब क्रिकेट सिर्फ ICC या ACC इवेंट्स तक सीमित रह गया है — लेकिन अगर यहां भी भारत हटता है, तो यह न केवल आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि स्पोर्ट्स डिप्लोमैसी की आखिरी खिड़की भी बंद हो जाएगी।
हालांकि अभी BCCI की तरफ से कोई आधिकारिक एलान नहीं हुआ है लेकिन पहले पहलगाम नरसंहार और फिर बॉर्डर पर तनाव के चलते पूरे भारत का ही पाकिस्तान के लिए मूड अच्छा नहीं है। भारत का एक बड़ा तबका ICC इवेंट में भी पाकिस्तान के बॉयकॉट की मांग करता रहा है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद ये मांग और तेज हो गई है। लोग सभी तरह के क्रिकेटिंग इवेंट में पाकिस्तान का बॉयकॉट करने की मांग कर रहे हैं।
ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्यूंकि एशिया कप का आयोजन एशियन क्रिकेट काउंसिल के जिम्मे है। पिछले साल तक ICC के चेयरमैन बनने से पहले तक इसे जय शाह सम्भाल रहे थे लेकिन अब पाकिस्तान सरकार के आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी के पास इस संस्था की जिम्मेदारी है जिसकी वजह से एशिया कप के आयोजन पर ही सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।
साल 2025 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी के बाद से PCB पहले से वित्तीय संकट से जूझ रहा है। स्टेडियम के रेनोवेशन में पाकिस्तान ने 14 बिलियन पाकिस्तानी रुपये का निवेश किया था। लेकिन भारत के पाकिस्तान जाने से इनकार करने के चलते उनको उम्मीद से काफी कम रेवेन्यू आया। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक PCB को इससे लगभग 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
भारत को क्या कोई नुकसान होगा?
BCCI कभी भी एशिया कप से होने वाली कमाई में अपना हिस्सा अपने पास नहीं रखता। BCCI हमेशा क्रिकेट के लिए अपने हिस्से की कमाई एसोसिएट देशों में बांट देता है। ऐसे में भारत को कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन ACC के सभी आयोजनों से पूरी तरह से बाहर होने का फैसला BCCI के लिए आसान नहीं होगा। क्योंकि इससे श्रीलंका और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड भी बुरी तरह से प्रभावित होंगे। ये बोर्ड BCCI के साथ खड़े रहते हैं। ऐसे में उनके लिए भी BCCI को ही कुछ सोचना होगा।