दुनिया में हथियारों, गोला-बारूद और दूसरे सैन्य साजो-सामान पर विभिन्न देश इस समय जितना खर्च कर रहे हैं, उतना इससे पहले कभी नहीं हुआ हैं। वहीं भारत की बात करे तो पिछले साल भारत ने 83.6 बिलियन डॉलर का रक्षा बजट रखा था। भारत अपने रक्षा बजट का ज्यादा हिस्सा स्वदेशी हथियारों पर खर्च कर रहा है ताकि दूसरे देशों पर उसकी निर्भरता कम हो।
भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने सोमवार को इसकी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा कि, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस के बाद 83.6 बिलियन डॉलर के खर्च के साथ भारत 2023 में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश था। पांच देश अपनी सेना, हथियारों, मिसाइलों और सैन्य उपकरणों पर सबसे ज्यादा खर्च करते हैं, जिसमें भारत और चीन का भी नाम है।
चीन ने लगातार 29वें साल अपने सैन्य खर्च में बढ़ोतरी की
रिपोर्ट की मानें तो दुनिया में सेना पर खर्च के मामले में अमेरिका अब भी नंबर वन पर बना है। दूसरे नंबर पर रहने वाले चीन का रक्षा बजट साल 2023 में 296 बिलियन डॉलर का रहा था। पिछले साल यानी 2024 की तुलना में चीन का सैन्य खर्च 6 फीसदी अधिक है। इस तरह से चीन ने लगातार 29वें साल अपने सैन्य खर्च में बढ़ोतरी की है। वहीं तीसरे नंबर पर रूस, और साऊदी अरब है, तो चौथे नंबर पर भारत है।
चीन दूसरे नंबर पर और भारत चौथे नंबर पर
देखा जाए तो चीन दुनियाभर में दूसरा देश है, जो रक्षा क्षेत्र में सबसे ज्यादा खर्च करता है और भारत इस मामले में चौथे नंबर पर है, जबकि पाकिस्तान का नाम टॉप 10 में भी नहीं है। पाकिस्तान रक्षा बजट के मामले में 30वें नंबर पर है। पाकिस्तान से भारत का रक्षा बजट करीब 4 गुना ज्यादा है। पिछले साल पाकिस्तान ने सैन्य क्षेत्र के लिए 8.5 बिलियन डॉलर का रक्षा बजट रखा था जिसके बाद वह 30वें नंबर पर आया था। हालांकि, हाल में चीन ने पाकिस्तान ने से कई सैन्य हथियार लिए है। पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक रूप से गुजर रहा है, जिसकी वजह से वहां काफी महंगाई है और इतना ही नहीं उस पर लाखों करोड़ों का कर्ज भी है।
सबसे अधिक सैन्य खर्च करने वाले टॉप 10 देश
- अमेरिका ने 916 बिलियन डॉलर खर्च किए।
- चीन ने 296 बिलियन डॉलर खर्च किए।
- रूस ने 109 बिलियन डॉलर खर्च किए।
- भारत ने 84 बिलियन डॉलर खर्च किए।
- सऊदी अरब ने 76 बिलियन डॉलर खर्च किए।
- ब्रिटेन ने 75 बिलियन डॉलर खर्च किए।
- जर्मनी ने 67 बिलियन डॉलर खर्च किए।
- यूक्रेन ने 65 बिलियन डॉलर खर्च किए।
- फ्रांस ने 61 बिलियन डॉलर खर्च किए।
- जापान ने 50 बिलियन डॉलर खर्च किए।