1 फरवरी से संसद में बजट सत्र की शुरुआत होनी है। सत्र शुरू होने से पहले आज संसद भवन पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। फिर राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने सरकार की उपलब्धियों, नीतियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी 2025 तक चलेगा, जिसमें 9 बैठकें होंगी। दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल 2025 तक निर्धारित है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों की मांगों पर चर्चा और बजट पारित किया जाएगा।
राष्ट्रपति के अभिभाषण की मुख्य बातें
आर्थिक प्रगति: राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि वैश्विक संकटों के बावजूद भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है। उन्होंने बताया कि पिछली दो तिमाहियों में देश की ग्रोथ रेट 7.5% से अधिक रही है। एक्सपेंस रेट को नियंत्रित करते हुए इसे 4% पर बनाए रखने में सफलता मिली है।
गरीबी उन्मूलन: उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार के कार्यकाल में लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत का मेट्रो नेटवर्क अब 1 हजार किलोमीटर के माइलस्टोन को पार कर चुका है। भारत अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। आसान कनेक्टिविटी प्रदान करने और शहरी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश में 15 रोपवे परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है।
डिजिटल इंडिया: राष्ट्रपति ने बताया कि आज विश्व के कुल रियल-टाइम डिजिटल लेन-देन का 46% भारत में होता है। पिछले महीने UPI के माध्यम से 1200 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए, जिसमें 18 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन शामिल है।
महिला सशक्तिकरण: नारी शक्ति अधिनियम के पारित होने पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया और इसे महिला-केन्द्रित विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
राम मंदिर निर्माण: राष्ट्रपति ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को सदियों पुरानी आकांक्षा की पूर्ति बताया और कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पांच दिनों में 13 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार: उन्होंने बताया कि शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव के कारण मातृ मृत्यु दर में कमी आई है। उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों में बीमारियों की घटनाओं में भी कमी दर्ज की गई है।
कृषि और किसान कल्याण: राष्ट्रपति ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
बुनियादी ढांचा विकास: राष्ट्रपति मुर्मू ने देश के बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर देते हुए कहा कि सरकार ने सड़कों, रेल, हवाई अड्डों और बंदरगाहों के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने भारत के सबसे बड़े समुद्री पुल ‘अटल सेतु’ और ‘नमो भारत ट्रेन’ जैसी परियोजनाओं का उल्लेख किया।
शिक्षा और कौशल विकास: राष्ट्रपति ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और युवाओं के कौशल विकास के लिए सरकार की पहलों की सराहना की। उन्होंने नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन और विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों का उल्लेख किया।
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण: राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की प्रगति और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रपति द्रौपदी का यह अभिभाषण सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं का व्यापक विवरण प्रस्तुत करता है, जो देश के समग्र विकास और नागरिकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आज पीएम मोदी ने कहा कि हमारे गणतंत्र ने 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह देश के प्रत्येक नागरिक के लिए बहुत गर्व की बात है। इस देश के लोगों ने मुझे तीसरी बार ये जिम्मेदारी दी है और ये इस तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है। मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगे, विकसित भारत का जो संकल्प इस देश ने लिया है उस दिशा में यह बजट सत्र, यह बजट एक नया विश्वास पैदा करेगा, नई ऊर्जा देगा कि देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा तब विकसित होकर रहेगा। 140 करोड़ देशवासी अपने सामूहिक प्रयासों से इस संकल्प को पूरा करेंगे।
इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया तो लोकसभा अध्यक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। राज्यसभा में भी वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई।