दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नाबालिग से रेप के आरोप में महिला एवं बाल विकास अधिकारी को सस्पेंड करने का निर्देश दिया है। साथ ही इस मामले में आज शाम तक मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। विभाग में आरोपी डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात था। अधिकारी पर अपने दोस्त की बेटी से कथित तौर पर कई महीनों तक रेप का आरोप लगा है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज लिया है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस ने रविवार को कहा था कि दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी के खिलाफ अपने दोस्त की नाबालिग बेटी से कई बार बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पीड़ित के पिता का 1 अक्टूबर, 2020 को निधन हो गया था और तब से वह आरोपी और उसके परिवार के साथ उनके घर में रह रही थी। आरोपी दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक है।
3 साल पहले आरोपी ने नाबालिग से की थी दोस्ती पुलिस ने बताया कि आरोपी अफसर ने अपनी पत्नी की मदद से 2020 से 2021 के बीच कई महीनों तक अपने दोस्त की नाबालिग बेटी से बार-बार रेप किया। आरोपी की पत्नी ने भी इस कृत्य में उसका साथ दिया और पुलिस को नहीं बताया, इसलिए उसके खिलाफ एफआईआर में 120-बी धारा के तहत केस दर्ज किया गया है।
पीड़िता बारहवीं कक्षा की छात्रा है। उसकी मुलाकात आरोपी से एक चर्च में हुई थी। 2020 में पीड़िता के पिता की मौत हो गई, जिसके बाद वह डिप्रेशन में आ गई। इस दौरान आरोपी ने उससे दोस्ती कर ली, इसलिए वह उसकी मदद करने के बहाने उसे अपने घर ले गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब लड़की गर्भवती हो गई तो उसे आरोपी ने गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। पीड़िता ने यह बात जब आरोपी की पत्नी को बताई तो उसने मदद करने के बजाय नाबालिग का गर्भपात करवा दिया। महिला ने गर्भपात की गोलियां खरीदने के लिए अपने बेटे को भेजा। फिलहाल बच्ची का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
कैसे खुली अधिकारी की पोल?
पीड़िता जनवरी 2021 में अपनी मां के पास लौट आई थी। इसके बाद उसे एंजाइटी के दौरे पड़े। इसके बाद नाबालिग को उसकी मां ने हॉस्पिटल में भर्ती कराया। हॉस्पिटल में काउंसलिंग सेशन के दौरान नाबालिग ने पूरी घटना बताई। इसके बाद अस्पताल में पुलिस को जानकारी दी। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने IPC की धारा 376(2), 506, 509, 323, 313, 120B, 34IPC और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पीड़िता फिलहाल अस्पताल में एडमिट है। उसका इलाज चल रहा है। उसका बयान मजिस्ट्रेट के सामने अभी दर्ज नहीं हुआ है। पुलिस अभी आगे के मामले की जांच कर रही है।