दिल्ली : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर गाजियाबाद में आज रॉन्ग साइड में चल रही स्कूल बस ने कार को टक्कर मार दी। आमने-सामने की टक्कर में कार का चिथेड़े उड़ गए। 6 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। 2 की हालत गंभीर है। आखिर इन मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा? ट्रैफिक पुलिस क्या कर रही है? लोग सड़क पर चलने के लिए रोड टैक्स चुकाते हैं। 100 किलोमीटर के सफर में दो-दो बार टोल आता है। लेकिन रोड सेफ्टी कहां हैं? आप टोल चुकाते रहिए और सिस्टम की लापरवाही से सड़कों पर यूं ही मौत आपका इंतजार करती रहेगी।
रॉन्ग साइड में चल रही थी बस
मेरठ का एक परिवार कार से खाटू श्याम के दर्शन के लिए राजस्थान जा रहा था। महिंद्रा टीयूवी में 4 बड़े और 4 बच्चे सवार थे। उन्हें क्या पता था कि मौत उनका इंतजार कर रही है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर विजयनगर फ्लाइओवर के ऊपर रॉन्ग साइड से आ रही स्कूल बस से कार की टक्कर हो गई। 6 लोगों ने मौके पर दम तोड़ दिया। बाकी दो लोगों की हालत भी नाजुक है। एक प्राइवेट स्कूल की बस रॉन्ग साइड में चल रही, लेकिन ट्रैफिक पुलिस कहीं सीन में नहीं थी। एक्सप्रेसवे और हाइवे पर लगे अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरों में भी रॉन्ग ड्राइविंग कैद होती ही होंगी, फिर अलर्ट क्यों नहीं किया गया? क्या इन कैमरों का मकसद सिर्फ ये है कि नियमों का उल्लंघन करने वाली गाड़ियों का चालान काटा जा सके?
रॉन्ग साइड ड्राइविंग NH पर होने वाली मौतों
रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की तरफ से 2020 में जारी ‘रोड एक्सीडेंट इन इंडिया 2019’ रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में 2019 में रॉन्ग साइड ड्राइविंग की वजह से हुए हादसों में 9200 लोगों की मौत हुई थी। सिर्फ नैशनल हाईवे पर 2726 मौतें रॉन्ग साइड ड्राइविंग की वजह से हुईं। ये एनएच पर होने वाली मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। 2020 में सड़क हादसों में हुई मौतों में 6 प्रतिशत में वजह गलत दिशा में गाड़ी चलाना रही। इसी तरह 2018 में रॉन्ग साइड ड्राइविंग की वजह से 8,764 लोगों की मौत हुई थी। 2022 में शहर में गलत दिशा में गाड़ी चलाने को लेकर जितने चालान हुए थे, उसके आधे से ज्यादा तो इस साल के शुरुआती दो महीनों में ही हो चुके थे। लेकिन क्या चालान काट देने भर से जिम्मेदारी पूरी हो गई है।
सड़कें हैं या मौत का जाल?
गाजियाबाद में रॉन्ग साइड ड्राइविंग की वजह से लगातार हादसे होते रहे हैं, लेकिन उनसे कोई सबक नहीं लिया जाता। इसी साल 2 फरवरी को 17 साल का एक लड़का ईस्टर्न पेरफिरेल एक्सप्रेसवे पर रॉन्ग साइड में बाइक चला रहा था। ट्रक से टक्कर होने से उसकी मौत हो गई और पीछले बैठा उसका सहपाठी जख्मी हो गया। जिन पर नियमों के पालन की जिम्मेदारी है, वो खुद नियम तोड़ रहे। पुलिस वाले ही रॉन्ग साइड ड्राइविंग करेंगे तो आम लोगों से कैसी उम्मीद कर सकते है।