आज, 22 अप्रैल 2025 को दुनियाभर में World Earth Day मनाया जा रहा हैं। ये दिन बहुत अहमियत रखता हैं, क्योंकि इसका मकसद environment protection की ज़रूरत, pollution को कम करने के तरीकों और खत्म हो रहे energy sources के विकल्प जैसे renewable energy की ओर ध्यान आकर्षित करता हैं। ये दिन हमें याद दिलाता हैं कि ये पृथ्वी सिर्फ हमारा घर ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की भी ज़िम्मेदारी हैं। इसलिए ज़रूरी है कि हम environment के प्रति अपने फर्ज़ को समझें और उसे बचाने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
कब हुई इसकी शुरुआत?
साल 1969 में San Francisco में आयोजित UNESCO सम्मेलन के दौरान activist John McConnell ने पृथ्वी और शांति के सिद्धांत के सम्मान के एक विशेष दिन मनाने का सुझाव रखा। आगे चलकर 22 अप्रैल 1970 को पहली बार World Earth Day मनाया गया। तब से लेकर अब तक हर बार हर साल नई थीम के साथ इसे मनाया जाता हैं। World Earth Day 2025 की थीम हैं “Our Power, Our Planet”, इस साल की थीम का मकसद energy के traditional sources को renewable energy sources में बदलने की प्रेरणा देना है, ताकि हम एक टिकाऊ और सुरक्षित भविष्य की मजबूत नींव रख सकें।
भारत में electric वाहनों का बढ़ता चलन
भारत environment को बेहतर करने और पृथ्वी को नुकसान पहुंचाने वाली समस्याओं पर काफी अच्छा और प्रभावी काम कर रहा हैं। ज़मीनी स्तर पर भी कुछ ऐसे बदलाव हुए हैं जिनसे long term में देश को फायदा ही पहुंचेगा। पहले जहां हमारे देश में LPG से rickshaws चला करती थी, वहीं अब उसकी जगह CNG ने ले ली हैं। इसके बाद एक और बड़ा कदम आया जो है E-rickshaws, जो पृथ्वी की सेहत के लिए अच्छा हैं ही, साथ ही किफायती दरों पर यात्री एक जगह से दूसरी जगह पहुंच पाते हैं। आज लोग Electric two-wheelers का इस्तेमाल भी करने लगे हैं। आने वाले समय में hydrogen cars भी देखने को मिल सकती हैं। इन सभी उपायों का मकसद साफ हैं, एक स्वच्छ, हरे भरे और टिकाऊ भारत की ओर कदम बढ़ाना।
Solar energy में भारत की उपलब्धियां
सिर्फ इतना ही नहीं, solar energy के क्षेत्र में भारत ने बेहद कम वक्त में बहुत प्रगति की हैं। बीते कुछ सालों में इस क्षेत्र में काफी तेज़ी से काम हुआ हैं, जिसकी वजह से भारत अब USA और China के बाद तीसरा सबसे अधिक solar energy उत्पादन करने वाला देश बन गया हैं। Annual electricity generation की बात करें तो 2013-14 में भारत में 3.36 TWh सौर ऊर्जा generate होती थी, अब ये आंकड़ा बढ़कर 115.97 पहुंच गया हैं। 2012 तक कुल मिलाकर 46 लाख solar lanterns और 8.6 लाख solar energy से चलने वाली home lights install की गई थी। राजस्थान स्थित भादला सौर पार्क, production capacity के लिहाज से विश्व का सबसे बड़ा और क्षेत्रफल के अनुसार दूसरा सबसे बड़ा solar park है। इसके अलावा रीवा solar park (मध्य प्रदेश), कुरनूल अल्ट्रा मेगा solar park (आंध्र प्रदेश), और सकरी solar plant (महाराष्ट्र) जैसे कई अन्य बड़े और महत्वपूर्ण solar energy projects भी देश में स्थापित किए गए हैं।
एक आम इंसान के तौर पर हम क्या कर सकते हैं?
पेड़ Carbon dioxide को सोख लेते करते हैं और Oxygen छोड़ते हैं। इसलिए हर साल कम से कम एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए। Single-use plastic जैसे plastic bags और bottles का इस्तेमाल बंद करें। कपड़े या जूट के bag का इस्तेमाल करें। बिजली बचाने के लिए LED बल्ब और पंखों का सही इस्तेमाल करें। ज़रूरत न पड़ने पर लाइट और पंखे बंद रखें। अपनी गाड़ियों की जगह Public transport का इस्तेमाल करें। लिए पैदल चलें या cycle चलाएँ। कचरे को सूखा और गीला अलग-अलग करके डालें। Recycling और composting की आदत डालें। टपकते नल ठीक करवाएँ और पानी को फालतू बहाने से बचें। Brush करते समय नल बंद रखें। Machine से कपड़े तभी धोएँ जब कपड़े ज्यादा हों।