दुनिया का खूबसूरत देश आइसलैंड में 24 घंटे में आए 800 बार से अधिक भूकंप के झटकों से थर्रा उठा है। अब से पहले भूकंप की ऐसी खबर न तो पहले कभी पढ़ी होगी और न ही कभी सुनी होगी। मगर ये सच है। आइसलैंड की धरती 24 घंटे में जब 800 बार कांपी तो दुनिया हैरान रह गई। इसके बाद सरकार ने पूरे देश में स्टेट इमरजेंसी लागू कर दी है। शुरुआती सूचना के मुताबिक सबसे बड़ा झटका ग्रिंडाविक के उत्तर में आया। यहां भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.2 थी। देश के दक्षिण-पश्चिमी रेक्जेन्स प्रायद्वीप में शक्तिशाली भूकंपों की एक श्रृंखला के बाद आइसलैंड ने शुक्रवार को आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी, जो ज्वालामुखी विस्फोट का अग्रदूत हो सकता है। आगे के लिए वैज्ञानिकों की चेतावनी ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है।
आइसलैंड के नागरिक सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन विभाग ने एक बयान में कहा, “राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख… ग्रिंडाविक के उत्तर में सुंधनजुकागिगर में तीव्र भूकंप के कारण नागरिक सुरक्षा के लिए आपातकाल की स्थिति की घोषणा करते हैं।” वैज्ञानिकों की सूचना के अधार पर प्रशासन ने लोगों को गंभीर चेतावनी देते हुए कहा कि “अब आगे आने वाले भूकंप अब तक आए भूकंपों से भी बड़े हो सकते हैं और घटनाओं की यह शृंखला विस्फोट का कारण बन सकती है।” आइसलैंडिक मौसम कार्यालय ने कहा कि विस्फोट “कई दिनों में” हो सकता है। लगभग 4,000 लोगों का घर ग्रिंडाविक गांव उस क्षेत्र से लगभग तीन किलोमीटर (1.86 मील) दक्षिण-पश्चिम में स्थित है, जहां शुक्रवार को आए भूकंप के झटके दर्ज किए गए थे।
सबसे ज्यादा नुकसान ग्रिंडाविक को होगा
आइसलैंड सरकार ने चेतावनी दी है कि भूकंप अब तक आए भूकंपों से भी बड़े हो सकते हैं और यह घटनाएं ज्वालामुखी विस्फोट का कारण हो सकती हैं। आइसलैंडिक मौसम कार्यालय (IMO) के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में ज्वालामुखी फट सकता है। बता दें कि भूकंप के झटकों और ज्वालामुखी विस्फोट से सबसे ज्यादा नुकसान लगभग 4 हजार लोगों की आबाद वाले ग्रिंडाविक गांव को होगा, जो ज्वालामुखी वाले क्षेत्र से लगभग 3 किलोमीटर (1.86 मील) दूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। 1730 GMT के आस 5पास, राजधानी रेकजाविक से लगभग 40 किलोमीटर दूर और देश के अधिकांश दक्षिणी तट पर भूकंप के 2 बड़े तेज झटके महसूस किए गए। झटके इतने तेज थे कि लोगों के घरों की खिड़कियां और घरेलू चीजें तक हिल गईं।
पिछले 2 साल में 3 ज्वालामुखी विस्फोट हुई
बता दें कि 2021 के बाद रेक्जेन्स प्रायद्वीप पर मार्च 2021, अगस्त 2022 और जुलाई 2023 में 3 विस्फोट हो चुके हैं। आइसलैंड में 33 सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जो यूरोप में सबसे अधिक हैं। उत्तरी अटलांटिक द्वीप मध्य-अटलांटिक रिज तक फैला हुआ है, जो समुद्र तल में यूरेशियन और उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेटों को अलग करती है। अप्रैल 2010 में आइसलैंड में आईजफजल्लाजोकुल द्वीप के दक्षिण में बड़े पैमाने पर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ, जिसके कारण एक लाख उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिस वजह से 10 मिलियन से अधिक यात्री फंस गए थे।