भोपाल। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक वेबसाइट इन्टरव्यू में कहा है की मध्य प्रदेश में कांग्रेस इस बार 135 से ज्यादा सीट जीत कर सरकार बना रहे हैं। कमलनाथ ही सीएम होंगे।भाजपा के बारे में कहा की
जिन लोगों ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, वो भाजपा को मध्यप्रदेश में चुनाव लड़ाने आ रहे हैं। भूपेंद्र यादव हों या अश्विनी वैष्णव… चुनाव कभी नहीं लड़े। मोदीजी को इनसे अच्छा आदमी देश भर में नहीं मिला। अमित शाह सहित दिल्ली में बैठी भाजपा मध्यप्रदेश में दिलचस्पी दिखा रही है… इसका सीधा मतलब है कि शिवराज सिंह चौहान और वीडी शर्मा से उनका भरोसा उठ चुका है। सिर्फ ये ही दोनों नहीं… जितने स्थानीय नेता हैं, सभी को नाकाबिल माना जा रहा है। इनमें कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, नरोत्तम मिश्रा सहित सभी शामिल हैं।’’
हजार रु दे कर लाखों लूट रही सरकार
बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कई मसलों पर बात की, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम नहीं लिया। लाड़ली बहना योजना से भाजपा की हालत दोबारा मजबूत होने के सवाल पर बोले कि इसका सच प्रदेश भर की महिलाएं समझ रही हैं। हजार रुपए महीना देकर लाखों रुपए लूटे जा रहे हैं। 11 लाख 90 हजार बहनों के बच्चो के साथ अन्याय कर दिया। पटवारी परीक्षा में हुई धांधली की कीमत कई बेगुनाहों को चुकानी पड़ रही है। बहन-बहन करते हैं, लेकिन बहनोइयों को लूट रहे हैं।
घोषणावीर मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बीते तीन साल में 27 हजार घोषणाएं की हैं। कितनी पूरी हुईं, सब जानते हैं। 2018 में हमने 35 लाख डबल वोट कटवाए थे, जिसका नतीजा चुनाव में दिख गया। ये वोटिंग में भी फर्जीवाड़ा करते हैं। गोवा में सरकार नहीं बना पाने पर सवाल हुआ, तो कई मजबूरियां गिना दीं। खरीद-फरोख्त की बात कही। कहा कि भाजपा ने गवर्नेंस का गुजरात-मॉडल देश भर में अपना रखा है। पहले मनाते हैं, फिर मोटा लालच देते हैं और तब भी नहीं माने, तो डराते हैं। अब या तो इंसान इनके साथ चला जाता है या खुद की पार्टी से दूर हो जाता है। चुनाव को भी मजाक बना दिया है। जीत नहीं पाते हैं, तो साम-दाम-दंड-भेद का रास्ता अपनाते हैं।
राहुल के लिए लड़ते रहेंगे
मध्यप्रदेश में सीएम चेहरे के सवाल पर बोले कि कमलनाथ के सिवा कोई हो ही नहीं सकता। वो ही हमारे नेता हैं… पहले भी थे, आज भी हैं। राहुल गांधी के ‘मोदी सरनेम’ वाले मामले पर कहा कि अभी केस सुप्रीम कोर्ट में है। वहां से फैसला आने के पहले कुछ भी अंदाजा लगाना जल्दबाजी होगी। राहुल गांधी को पहचानने में मीडिया गलती कर रहा है। उन्हें अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए किसी पद की जरूरत नहीं है। हम हर हाल में उनके साथ हैं… लड़ाई लड़ते रहेंगे।