दुनिया भर के मुसलमान रमज़ान के पवित्र महीने की तैयारी कर रहे हैं। मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना बेहद पवित्र और विशेष माना जाता है। इस पूरे महीने लोग रोजा रखते हैं, और नमाज पढ़कर अल्लाह की इबादत करते हैं। इस साल 2024 में रमजान 11मार्च से शुरू होगा और 9 अप्रैल को समाप्त होगा। ऐसी मान्यता है कि, सन् 610 ई में इस्लामी पवित्र ग्रंथ कुरान नाजिल हुआ था, इसलिए यह महीना मुस्लिमों के लिए बेहद खास होता है।
रमजान के इस पावन पर्व के 30 दिनों को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहले 10 दिन रहमत, दूसरे 10 दिन बरकत और तीसरे यानी आखिरी 10 दिन मगफिरत के लिए होता है, जो लोग रोजा रखते हैं उनके लिए यह बेहद खास समय होता है। इस दौरान नमाज अदा करना, जकात, सदका आदि करना बहुत ही जरूरी होता है।
इस्लाम धर्म के लोगों के लिए रमजान महीने की खास अहमियत होती है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, रमजान के पाक महीने में ही इस्लाम की सबसे पवित्र किताब ‘कुरान’ नाजिल यानी उतारी गई थी। मुस्लिम लोग इस पूरे महीने मस्जिदों में तरावीह पढ़ते हैं और कुरान की तिलावत करते हैं।
इस बार ऐसा 34 साल बाद हो रहा है कि, रमजान का महीना मार्च-अप्रैल महीने में बीच आया है। जबकि पिछले कई सालों से रमजान महीने की शुरुआत लगभग गर्मी के मौसम यानी अप्रैल से होती थी। लेकिन इस बार रमजान की शुरुआत मार्च के महीने से हुई।
दिनभर बिना खाए-पिए रोजा रखने के बाद शाम को नमाज पढ़ी जाती है और खजूर खाकर रोजा खोला जाता है। यह शाम को सूरज ढलने पर मगरिब की अजान होने पर खोला जाता है। इसे इफ्तार के नाम से जाना जाता है। इसके बाद सुबह होने से पहले यानी 4 से 5 बजे तक व्यक्ति कुछ भी खा पी सकता है।
सहरी और इफ्तार दो महत्वपूर्ण भोजन हैं जो रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान खाते हैं।
सहरी
सहरी वह भोजन है जिसे सूर्योदय से पहले खाया जाता है। और यह एक महत्वपूर्ण भोजन होता है, क्योंकि यह शरीर को लंबे उपवास करने के दौरान शरीर को स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। लोग आम तौर पर ऐसे जटिल कार्बोहाइड्रेट, जैसे फल और मेवे खाते हैं।
इफ्तार
इफ्तार वह भोजन है जो रोजा तोड़ने के लिए सूर्यास्त के बाद खाया जाता है। परंपरागत रूप से, रोज़ा तोड़ने के लिए खजूर खाया जाता है और उसके बाद पूरा भोजन किया जाता है।