भोपाल। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक न्यूज वेबसाइट को दिए इन्टरव्यू में कहा की पिछली बार हम मध्यप्रदेश में चुनाव हारे, तो उसकी वजह ज्योतिरादित्य सिंधिया और एकाध कारण दूसरे थे। ग्वालियर-चंबल वाले इलाके में माहौल हमारे खिलाफ हो गया था। इस बार सिंधिया भी हमारे साथ हैं और पुराने कारण भी खत्म हो गए हैं। हम मध्यप्रदेश में क्लीन-स्वीप (एकतरफा) करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से टकराव पर मिश्रा ने कहा कि हम एक साथ राजनीति में आए थे… आज तक जोड़ी चल रही है। सब अच्छा है। बीस साल से वो हमारे नेता हैं। ये चुनाव भी उन्हीं के पीछे खड़े होकर लड़ेंगे। इमरती देवी हों या तुलसी सिलावट… मेरे रिश्ते पार्टी के किसी विधायक से खराब नहीं हैं। मेरे वालों को तो छोडि़ए… मैं तो विपक्ष के नेताओं से भी बात करता हूं। कमलनाथ तक से कई मुद्दों पर चर्चा होती है। म.प्र. की सियासत की खूबसूरती है कि यहां संवादहीनता नहीं है। हमें तो छोडि़ए… शिवराज, कमलनाथ भी लगातार बात करते हैं।
नही देखता फिल्में
फिल्मों के ऐतराज पर मिश्रा ने जवाब दिया कि मेरी लड़ाई सिर्फ इतनी सी है कि हमारे धर्म को ही क्यों निशाना बनाया जाता है। एक गाना या फिल्म बता दीजिए, जब किसी मीर या मोहम्मद पर सवाल उठाया गया हो। मैं फिल्में नहीं देखता हूं, लेकिन जब कोई बात आती है, तो आपत्ति वाले हिस्से पर जरूर गौर करता हूं और बिना नतीजा का सोचे ऐतराज भी दर्ज कराता हूं।
महिला अपराधों पर बोले गृह मंत्री
महिला-अपराधों में म.प्र. को अव्वल दिखाने वाले एनसीआरबी के आंकड़े पर सवाल हुआ, तो मिश्रा ने कहा कि अब अपराध का प्रकार बदल चुका है। हम मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। म.प्र. में अपराध के कई नेटवर्क ध्वस्त कर दिए गए हैं। न यहां सिमी है, न पीएफआई और न ही कोई और। जहां कसर रह गई है, वहां भी ध्यान दे रहे हैं।
खंडवा सहित कुछ और जगह पर हुई मॉब-लिंचिंग पर बोले कि वो सिर्फ क्रिया की प्रतिक्रिया थी। मॉब-लिंचिंग नहीं होना चाहिए। जहां भी गलत हुआ है, वहां हमने कार्रवाई की है। कोई भी मामला बता दीजिए, जहां कार्रवाई में 24 घंटे से ज्यादा लगे हों। पुराने मुद्दे याद दिलाए गए, तो मिश्रा ने कहा कि गलत के खिलाफ जब जागो… तब सवेरा होता है। कोई चीज पहले से चली आ रही है, तो इसका मतलब यह नहीं कि सही हो गई। जहां से मुझे गलत दिखा, मैंने सवाल उठाया है।
प्रधान मंत्री पर बोले नरोत्तम
प्रधानमंत्री की तरफ से आपके बयानों पर हुई सख्ती के बारे में कहा कि वे हमारे नेता हैं। जो कहेंगे, मानूंगा। इतना जरूर है कि जब से राजनीति में आया हूं, न मेरी दिशा में फर्क आया है और न ही दशा में। मुख्यमंत्री के ख्वाब पर जवाब दिया कि यहां कुर्सी ही खाली नहीं है। शिवराज अच्छे चल रहे हैं। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। जो प्राप्त है… पर्याप्त है। राजनीति में एंट्री की दिलचस्प कहानी भी सामने आई कि जब मिश्रा के बड़े भाई छात्रसंघ का चुनाव हार गए, तो बी.कॉम कर रहे नरोत्तम ने कहा कि मैं आकर दिखाता हूं कि कैसे चुनाव जीतते हैं। नरोत्तम डबरा गए और कर दिखाया। इस कहानी के सही-गलत होने पर हां-ना नहीं कहा। बस, मुस्करा कर टाल गए।