दिल्ली। ICICI बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर की मुश्किलें फिर से बढ़ने वाली है। सीबीआइ ने बुधवार को विशेष अदालत में बताया कि उसे ICICI बैंक के बोर्ड से बैंक की पूर्व सीईओ एवं एमडी चंदा कोचर के विरुद्ध मुकदमा चलाने की स्वीकृति प्राप्त हो गई है।
चंदा पहुंची अर्श से फर्श पर!
एक समय था जब ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर का नाम देश के टॉप बैंक एग्जीक्यूटिव्स में लिया जाता था। वो एक शक्तिशाली महिला की तरह प्राइवेट सेक्टर मे उभर के आयी थी। कोचर ने 1984 में एक मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में ICICI में काम शुरू किया था। इसके बाद 1990 के दशक की शुरुआत में आईसीआईसीआई एक कमर्शियल बैंक बन गया। उन्हें 2009 में एमडी और चीफ एग्जीक्यूटिव के रूप में कामत का उत्तराधिकारी चुना गया उनकी लीडरशिप में ICICI Bank देश में प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक बन गया था। कोचर फोर्ब्स की दुनिया के दिग्गज लोगों की सूची में नियमित रूप से शामिल रहती थीं। हर भारतीय लड़की को उनसे सीखने और उन जैसा बनने की हिदायत दी जाने लगी। लेकिन फिर साल 2012 आया और चंदा के लिए सबकुछ बदल गया।
2012 मे क्या हुआ था।
साल 2012 में ICICI बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया था। तब बैंक की CEO चंदा कोचर थीं। लोन दिए जाने के बाद ये नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) हो गया और बाद में इसे बैंक फ्रॉड घोषित किया गया। साल 2020 सितंबर महीने में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि लोन के बदले वीडियोकॉन ग्रुप ने चंदा के पति दीपक की कंपनी को लाभ पहुंचाया। जब इस मामले का खुलासा हुआ तो साल 2018 में चंदा को बैंक से इस्तीफा देना पड़ा था। 24 दिसंबर को सीबीआई ने चंदा कोचर को पूछताछ के लिए बुलाया था और इसके बाद गिरफ्तार भी कर लिया था।
केस मे आगे क्या हुआ।
पिछले साल 24 दिसंबर को सीबीआई ने कोचर दंपत्ति को साल 2012 में वीडियोकॉन समूह में हुए धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। सीबीआई ने चंदा कोचर और दीपक कोचर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि दोनों सवाल के सही तरह जवाब नहीं दे रहे साथ ही जांच में सहयोग नहीं कर रहे। जिसके बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया था। लेकिन बाद मे उन्हें छोड़ दिया गया और कार्यवाही चलती रही।
चंदा कोचर और दीपक कोचर को सीबीआई ने धोखाधड़ी मामले मे, पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया था। बाद में, बंबई उच्च न्यायालय ने दंपति को जमानत दे दी थी। एजेंसी ने वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था। जमानत के दौरान सीबीआई को हाईकोर्ट से फटकार भी मिली थी। कोर्ट ने इसकी गिरफ्तारी के तरीके पर सवाल उठाए थे। सीबीआई ने पूरे मामले में सीबीआई ने कोचर दंपती और धूत के साथ ही दीपक कोचर द्वारा चालित सभी कंपनियों को नामजद किया गया।