पिछले समय से इंदौर सहित पूरे मध्य प्रदेश में ड्रग्स की तस्करी के मामले काफी बढ़ गए हैं। इंदौर, भोपाल, मंदसौर और झाबुआ जैसे जिलों में करोड़ों की कीमत वाले ड्रग्स एक के एक बाद पकड़ाए गए हैं। ऐसे में इंदौर के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले से जुड़ा एक बड़ा दावा किया हैं। विजयवर्गीय ने दावा किया है कि, मध्य प्रदेश में ड्रग्स की जो सप्लाई हो रही है वो राजस्थान के प्रतापगढ़ से होती है। साथ ही उनका कहना है कि, उनके पास इस अंतरराज्यीय ड्रग रैकेट में शामिल लोगों के नाम भी हैं। बता दे कि, कल इंदौर के चार फ्लाईओवर्स का उद्घाटन किया गया था। इसी उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान विजयवर्गीय ने यह दावा किया है।
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान विजयवर्गीय ने इंदौर की समस्याओं को इंगित किया। उन्होंने कहा कि, शहर की बड़ी समस्याओं में पहली समस्या ट्रैफिक और दूसरी नशाखोरी हैं। साथ ही उन्होंने दिलासा दिलाते हुए कहा कि, यह अच्छी बात है कि इस रैकेट में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे इस कार्रवाई से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं।
उनके मुताबिक, वे चोरों को पकड़ तो रहे हैं लेकिन उसकी जड़ तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने भोपाल के अधिकारियों से राजस्थान पुलिस से संपर्क कर मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से अपील की है कि, वे राज्य में नशे पर लगाम लगाने के लिए अपने सख्त आदेशों को लागू करे। साथ ही में उन्होंने मोहन यादव से भोपाल में अधिकारियों को उनकी ड्यूटी याद दिलाने का निवेदन भी किया है।
कार्यक्रम के दौरान विजयवर्गीय ने दावा तो किया है कि, उनके पास इस रैकेट में जुड़े लोगों का नाम हैं। लेकिन अभी तक उन्होंने किसी के भी नाम का खुलासा नहीं किया है। ऐसे में सब को इंतज़ार है कि, विजयवर्गीय जल्द से जल्द इस रैकेट से जुड़े लोगों का पर्दाफाश कर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाले। ताकि राज्य से इस रैकेट और ड्रग तस्करी का सफाया हो जाए।
दूसरी ओर विजयवर्गीय द्वारा अभी तक रैकेट में शामिल लोगों का नाम उजागर नहीं करने पर, कांग्रेस ने उन पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का पूछना है कि, जब उनके पास पहले से ही ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी थी, जिससे ड्रग डीलरों को पकड़ा जा सकता था तो उन्होंने आज तक यह जानकारी सरकार या सरकारी एजेंसियों के साथ साझा क्यों नहीं की? और आज अभी तक राज्य में इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं हुई हैं?