“An Apple a day keeps a doctor away”, ये मशहूर लाइन तो आप सब ने स्कूल से ही कई बार सुनी होगी लेकिन दिन में आप कौनसा एप्पल Consume कर रहे हैं ये बात उस पर निर्भर करती है। बहरहाल आज हम दूसरे वाले एप्पल की बात करेंगे…1 अप्रैल 1976 का दिन तकनीकी इतिहास में एक क्रांतिकारी मोड़ था। इस दिन तीन व्यक्तियों—स्टीव जॉब्स, स्टीव वोज़निएक, और रोनाल्ड वेन ने मिलकर Apple Computer Inc की स्थापना की थी। यह एक ऐसा क्षण था जिसने दुनिया को बदलने की दिशा में पहला कदम रखा।
एप्पल का फाउंडेशन कैलिफोर्निया के क्यूपरटिनो में एक गैरेज में हुआ था। उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि यह छोटी सी कंपनी एक दिन दुनिया की सबसे प्रभावशाली टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक बन जाएगी।
1970 के दशक में कंप्यूटर एक काम्प्लेक्स और भारी मशीन हुआ करते थे, जो केवल वैज्ञानिकों, इंजीनियरों या बड़े संगठनों के लिए उपयोगी माने जाते थे। आम लोगों के लिए पर्सनल कंप्यूटर की धारणा उस समय तक विकसित नहीं हुई थी।
फिर स्टीव जॉब्स और स्टीव वोज़निएक, जो एक प्रतिभाशाली इंजीनियर ने मिलकर पहले एप्पल कंप्यूटर (Apple I) का प्रोडक्शन किया। उन्होंने इसे एक ऐसा डिवाइस बनाने का सपना देखा जिसे आम लोग भी आसानी से चला सकें।
हालांकि, कंपनी की फाउंडेशन में तीसरे सह-संस्थापक रोनाल्ड वेन भी थे, लेकिन उन्होंने महज़ 12 दिनों बाद ही कंपनी से अलग होने का फैसला कर लिया और अपना शेयर मात्र 800 डॉलर में बेच दिया। यह इतिहास की सबसे महंगी गलतियों में से एक मानी जाती है, क्योंकि बाद में एप्पल ट्रिलियन-डॉलर कंपनी बनी।
फिर 1977 में एप्पल II कंप्यूटर लॉन्च किया गया, जिसने पर्सनल कंप्यूटर इंडस्ट्री की हवा ही बदल दी। यह एक कलरफुल डिस्प्ले के साथ आने वाला पहला सफल PC था और इसने बाजार में धूम मचा दी।
फिर 1980 में एप्पल का IPO (Initial Public Offering) लॉन्च हुआ, जिसने इसे एक सार्वजनिक कंपनी बना दिया और स्टीव जॉब्स को करोड़पति। 1980 के दशक में एप्पल की लोकप्रियता बढ़ रही थी, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी थीं।
1983 में जॉब्स ने Pepsi के CEO जॉन स्कली को एप्पल का CEO बनने के लिए राज़ी किया। स्कली CEO बन गए, लेकिन जल्द ही जॉब्स और उनके बीच मतभेद बढ़ने लगे। फिर 1985 में कंपनी के भीतर राजनीतिक खींचतान के कारण खुद स्टीव जॉब्स को एप्पल से निकाल दिया गया। यह सबसे चौंकाने वाली घटनाओं में से एक थी।
इसके बाद, एप्पल के प्रोडक्ट्स धीरे-धीरे विफल होने लगे और माइक्रोसॉफ्ट ने Windows ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च कर दिया था, जिसने मार्केट पर कब्ज़ा कर लिया। एप्पल के लिए 1990 का दशक सबसे कठिन साबित हुआ।
1996 में एप्पल दिवालिया होने के कगार पर था। इस बीच, एप्पल ने NeXT नाम की कंपनी को टेक ओवर किया, जिसे स्टीव जॉब्स ने एप्पल छोड़ने के बाद शुरू किया था। इसी के साथ जॉब्स की एप्पल में फिर वापसी हुई।
अंतत 1997 में जॉब्स ने CEO के रूप में फिर से कमान संभाली और एक नए युग की शुरुआत की। अगले ही साल जॉब्स ने iMac पेश किया, जो एक सुंदर और यूजरो फ्रेंडली कंप्यूटर था। इसने एप्पल को फिर से मेनस्ट्रीम में ला दिया।
2001 में एप्पल ने iPod लॉन्च किया, जिसने म्युजिक इंडस्ट्री को हमेशा के लिए बदल दिया। 2007 यह वह वर्ष था जिसने एप्पल को एक टेक्निकल Giant में बदल दिया और जन्म हुआ iPhone का…iPhone ने मोबाइल फोन की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया। इसमें टचस्क्रीन, ऐप्स, और एक बेहतरीन डिज़ाइन था। आज स्मार्टफोन जिस रूप में हैं, वह काफी हद तक iPhone की बदौलत है। आज 2025 में iPhone एक फोन से ज्यादा स्टैटस सिम्बल बन चुका है।
हालांकि 5 अक्टूबर 2011 को स्टीव जॉब्स का निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद, टिम कुक ने एप्पल के CEO का पद संभाला। हालांकि, जॉब्स के बाद भी एप्पल की ग्रोथ रुकी नहीं। iPhone के नए मॉडल्स आते गए, Apple Watch, AirPods, और MacBooks ने बाजार में नई ऊंचाइयाँ छूईं।
आज, एप्पल दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनियों में से एक है, जिसकी मार्केट रेवेन्यू 3 ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक है।
इसके iOS ऑपरेटिंग सिस्टम ने एक पूरा इकोसिस्टम बना दिया है…जिससे iPhone, iPad, MacBook, Apple Watch और AirPods सभी एक साथ जुड़े होते हैं, जिससे यूजर्स को बेहतरीन अनुभव मिलता है।
Apple का इम्पैक्ट केवल तकनीकी क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है… इसका इम्पैक्ट डिज़ाइन, संगीत, सिनेमा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भी देखा जा सकता है।
आज, Apple, AI और Augmented Reality जैसी न्यू फील्ड में इनवेस्ट कर रहा है, जिससे यह साबित होता है कि कंपनी भविष्य को लेकर भी उतनी ही महत्वाकांक्षी है जितनी अपने शुरुआती दिनों में थी।
1 अप्रैल 1976 को एक छोटे से गैरेज में शुरू हुई यह कंपनी आज दुनिया भर में करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुकी है। “Think Different” यह सिर्फ एक स्लोगन नहीं था, बल्कि यह एप्पल की बेसिक फिलॉसफी थी, जिसने इसे इस ऊँचाई तक पहुँचाया।