2028 का ओलंपिक ऐतिहासिक होने जा रहा है। खासकर भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दुनियाभर के उन करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के लिए जिनके लिए ये खेल एक धर्म जैसा है। करीब 128 साल बाद, क्रिकेट आधिकारिक तौर पर एक बार फिर ओलंपिक का हिस्सा बनने जा रहा है। लॉस एंजेलिस 2028 समर ओलंपिक में पुरुषों और महिलाओं दोनों वर्गों में क्रिकेट को जगह मिली है, और इसके लिए छह-छह टीमों के टूर्नामेंट का फॉर्मेट तय किया गया है।
क्रिकेट ने पहली बार ओलंपिक में कदम 1900 में पेरिस ओलंपिक के दौरान रखा था, जहां सिर्फ दो टीमें इंग्लैंड और फ्रांस टूर्नामेंट में थीं। इसके बाद से एक सदी से अधिक समय तक क्रिकेट ओलंपिक में शामिल नहीं हुआ। कारण थे…क्रिकेट की लंबी फॉर्मेट, वैश्विक स्तर पर इसकी सीमित पहुंच, और ओलंपिक कैलेंडर में समय की कमी। पर अब दुनिया बदल चुकी है और क्रिकेट T20 जैसे छोटे और आकर्षक फॉर्मेट में ग्लोबली छा चुका है।
टीमों की संख्या कितनी होगी?
पुरुषों और महिलाओं दोनों वर्गों में 6-6 टीमों को शामिल किया जाएगा। हर जेंडर के लिए 90 खिलाड़ियों का कोटा तय किया गया है, यानि हर टीम 15 सदस्यीय स्क्वॉड के साथ हिस्सा लेगी।
खेल T20 फॉर्मेट में होगा। ग्रुप स्टेज के बाद नॉकआउट्स यानी सेमीफाइनल और फाइनल होंगे। इससे कुल मैचों की संख्या सीमित रहेगी, जो ओलंपिक के व्यस्त कार्यक्रम के लिए सही भी है।
कौन-कौन सी टीम इसका हिस्सा होंगी इस सवाल का जवाब अभी IOC और ICC के क्वालिफिकेशन नियमों पर निर्भर करेगा। पर माना जा रहा है कि ICC रैंकिंग और एक क्वालिफायर टूर्नामेंट के ज़रिए टीमें चुनी जाएंगी।
संभावित दावेदार टीमों की बात करें तो भारत, ऑस्ट्रेलिया,इंग्लैंड, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्ट इंडीज, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और होस्ट के नाते अमेरिका को हिस्सा माना जा सकता है।
होस्ट देश अमेरिका को सीधे प्रवेश मिलने की संभावना है, जिससे क्रिकेट को अमेरिका में लोकप्रिय बनाने का भी रास्ता खुलेगा। क्यूंकि क्रिकेट को अमेरिका में लोकप्रिय बनाना इस आयोजन का प्रमुख लक्ष्य है। इसके लिए लॉस एंजेलिस में अस्थायी क्रिकेट स्टेडियम बनाया जा सकता है या मौजूदा बेसबॉल स्टेडियम को संशोधित किया जा सकता है। ICC पहले ही अमेरिका में Major League Cricket (MLC) के ज़रिए क्रिकेट को ज़मीन देने की कोशिश कर रहा है।
ओलंपिक में शामिल होकर क्रिकेट उन देशों तक पहुंचेगा जहां अभी यह उतना लोकप्रिय नहीं है, जैसे अमेरिका, यूरोपीय देश, अफ्रीकी देश।
इससे महिला खिलाड़ियों को भी ओलंपिक जैसे वैश्विक मंच पर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा, जिससे महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयां मिल सकती हैं।
साथ ही क्रिकेट बड़े दर्शक वर्ग को जोड़ता है खासतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में। इससे ओलंपिक की ब्रॉडकास्टिंग, स्पॉन्सरशिप और व्यूअरशिप में भारी बढ़ोतरी होगी।
2028 में क्रिकेट की ओलंपिक में वापसी सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं है, बल्कि यह इतिहास, संस्कृति और भविष्य की एक साझा कहानी है। यह वो क्षण है जब भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड जैसे क्रिकेट दीवाने देश ओलंपिक पोडियम पर एक नया सपना देख सकते हैं…गोल्ड मेडल के साथ। और हो सकता है कि यह शुरुआत हो एक नए युग की, जहां क्रिकेट सिर्फ Gentleman’s Game नहीं, बल्कि Global Game बन जाए।