भारत में राजनीति और अपराध का गहरा रिश्ता है। कई बार यह देखा गया है कि नेताओं के खिलाफ कई आपराधिक मामले होते हैं, फिर भी वे सत्ता में बने रहते हैं। कई राजनेताओं पर FIR दर्ज होती है, फिर भी उन्हें कोई सजा नहीं मिलती और इसके पीछे का कारण उनका राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़ा होना होता है। ये नेता जानते हैं कि उनके पास सत्ता की शक्ति है, जिससे वे कानून से बच सकते हैं। इससे एक गहरी समस्या उत्पन्न होती है, जिसमें अपराधियों का मनोबल बढ़ता है, क्योंकि उन्हें यह भरोसा होता है कि वे राजनीतिक संरक्षण के कारण आसानी से बच सकते हैं।
कानून और व्यवस्था की स्थिति
भारत में कानून की स्थिति बहुत कमज़ोर है। प्रशासनिक और कानूनी जाँच अक्सर बहुत समय लेती है, लंबी प्रक्रिया के कारण अधिकतर अपराधी अक्सर बच भी जाते हैं। इस समय एक व्यक्ति जो सच्चाई बोलता है या इन अपराधियों के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे धमकियां मिलती हैं। नेताओं के पास ना केवल राजनीतिक ताकत होती है, बल्कि वे भ्रष्टाचार का भी सहारा लेते हैं, जिससे वे कानून से बच जाते हैं। हाल ही में, DMK नेता सेंटिल बालाजी का मामला सामने आया, उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला था। उन्हें जमानत मिल गई और उसके अगले ही दिन उन्हें मंत्री पद पर दोबारा नियुक्त कर दिया गया। खुद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सवाल उठाया, लेकिन फिर भी उनकी नियुक्ति में कोई बदलाव नहीं हुआ। यह मामला कानून के प्रति जनता का विश्वास कमजोर करता है, क्योंकि अगर यह स्थिति गरीब और मध्यम वर्ग के लिए होती, तो उन्हें ऐसी छूट नहीं मिलती।
बड़ी हस्तियों का अपराध में शामिल होना
भारत में कई बड़ी राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, लेकिन वे बिना किसी डर के अपनी राजनीति करते रहते हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के कुछ नेताओं पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं और वे चुनाव जीतने के बाद अपनी राजनीतिक शक्ति के साथ कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार कर देते हैं। भ्रष्टाचार, तस्करी और हिंसा जैसे मामलों में लिप्त रहकर, ये नेता कानून से बाहर निकलने में सफल हो जाते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि उनके पास सत्ता का समर्थन है।
राजनीति में शिक्षा और डिग्री की कमी
भारत में एक और बड़ी समस्या यह है कि राजनीति में जाने के लिए किसी खास शिक्षा या डिग्री की आवश्यकता नहीं है। किसी भी व्यक्ति को, जो जिम्मेदारियों से भरी एक राज्य या देश को चलाने के लिए उपयुक्त नहीं हो, राजनीति में अपनी जगह मिल सकती है। क्या यह उचित है कि एक व्यक्ति जो कभी कानून का पालन नहीं करता, वह एक राज्य या देश का नेतृत्व करे? यह सवाल हमें बार-बार सोचने पर मजबूर करता है कि क्या देश को चलाने के लिए अपराधियों के हाथों में सत्ता देनी चाहिए?
कानून और व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता
भारत में ऐसे नेताओं का सत्ता में होना और उन्हें कानून से बचने की छूट मिलना, यह स्थिति देश के लिए गंभीर खतरे की बात है। यदि हमारे कानून और न्यायपालिका को इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए दृढ़ और सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो हम कभी भी भ्रष्टाचार और अपराध को समाप्त नहीं कर पाएंगे।
हमारे देश की राजनीति को सुधारने के लिए यह आवश्यक है कि अपराधियों को राजनीति में प्रवेश करने से रोका जाए। इससे न केवल कानून के प्रति विश्वास बढ़ेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि हमारी सरकारें और राजनीतिक नेता जनता की भलाई के लिए काम करें, ना कि अपने निजी लाभ के लिए। मजबूत कानून और सख्त नियम बनाए जाने चाहिए ताकि अपराधी नेताओं को राजनीति में मौका ना मिले।